नारायणपुर: पिछले छह वर्षों से सक्रिय अंतरराज्यीय गौ-तस्करी गिरोह पर नारायणपुर पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 25 गौवंशों को वध से बचा लिया है। इस मामले में पुलिस ने 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। यह गिरोह छत्तीसगढ़ से मवेशी खरीदकर तेलंगाना और आंध्रप्रदेश के कत्लखानों में बेचने का काम करता था।

दरअसल पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी कि कुछ तस्कर बखरूपारा बाजार क्षेत्र में पशुओं को क्रूरता पूर्वक वध के लिए ले जा रहे हैं। इस पर पुलिस अधीक्षक  रोबिनसन गुड़िया, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक  अक्षय साबद्रा और एसडीओपी  लौकेश बंसल के निर्देशन में थाना प्रभारी नारायणपुर के नेतृत्व में पुलिस टीम ने घेराबंदी कर चार आरोपियों को मौके से गिरफ्तार किया।

आरोपियों ने बताया कि वे जिला बालोद के करहीभदर गांव से मवेशियों को क्रय कर तेलंगाना राज्य के कत्लखाने ले जा रहे थे। वे पिछले 5-6 वर्षों से इसी प्रकार गौ-तस्करी कर रहे हैं। उनके पास न तो पशु परिवहन की अनुमति थी और न ही खरीद-बिक्री से जुड़े कोई वैध दस्तावेज।पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 25 नग गौवंश जब्त किए, जिनकी अनुमानित कीमत लगभग 1 लाख 25 हजार रुपये बताई गई है। मवेशियों को भूखा-प्यासा क्रूरता पूर्वक मारते-पीटते हुए ले जाया जा रहा था।इस मामले में थाना नारायणपुर में पशुओं के प्रति क्रूरता निवारण अधिनियम-1960 की धारा 11(1)(क), 11(1)(ज)तथा छत्तीसगढ़ कृषक पशु परिरक्षण अधिनियम-2004 की धारा 4, 6 एवं 10के तहत अपराध क्रमांक 63/2025 दर्ज किया गया है।इससे पहले 21 जुलाई को भी थाना धौड़ाई पुलिस ने ऐसे ही 4 अंतरराज्यीय गौ-तस्करों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था।


गिरफ्तार आरोपी इस प्रकार हैं

1. नंदाराम कोर्राम (38) – श्यामगिरी, थाना कुआकोण्डा, जिला दंतेवाड़ा
2. विजय कुमार भास्कर (24) – मोलसनार, थाना कुआकोण्डा, जिला दंतेवाड़ा
3. राजूराम भास्कर (30) – कलेपारा मोलसनार, थाना कुआकोण्डा, जिला दंतेवाड़ा
4. भीमा भास्कर (50) – कलेपारा मोलसनार, थाना कुआकोण्डा, जिला दंतेवाड़ा

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