रायगढ: एनटीपीसी लारा प्रोजेक्ट क्षेत्र में लापरवाही की भेंट चढ़ते हुए एक 28 वर्षीय युवक की दर्दनाक मौत हो गई। मृतक की पहचान ग्राम देवालसुरा निवासी पिंटू कौनद (पुत्र बलराम कौनद) के रूप में हुई है जो शुक्रवार रात लगभग 11 बजे एनटीपीसी क्षेत्र से काम कर लौटते वक्त मंत्रीनगर के पास अधूरे पड़े नाली में गिर गया।

स्थानीय लोगों के अनुसार यह हादसा नाली निर्माण अधूरा छोड़ने और वहां उचित सुरक्षा व प्रकाश व्यवस्था न होने की वजह से हुआ। जिस स्थान पर युवक गिरा, वहां पिछले कई महीनों से गहरी नाली खुदी पड़ी है, लेकिन प्रबंधन की ओर से न तो उस पर कोई बैरिकेडिंग की गई है और न ही रात में रोशनी की व्यवस्था की गई।

लाइट की मांग को किया गया था नजर अंदाज:

देवालसुरा के सरपंच कृष्ण कुमार डनसेना ने हाल ही में एनटीपीसी प्रबंधन से अधूरे नाली कार्य को जल्द पूरा करने और उस क्षेत्र में लाइट लगाने की मांग की थी। लेकिन प्रबंधन ने “बल्ब चोरी होने” का हवाला देकर लाइट नहीं लगाने की बात कही। ग्रामीणों का कहना है कि यदि वहां लाइट होती, तो शायद पिंटू की जान बच जाती।

प्रशासन मौके पर, एनटीपीसी अधिकारी गायब: हादसे की जानकारी मिलते ही सीएसपी मयंक मिश्रा, तहसीलदार पंकज मिश्रा और टीआई रामकिंकर यादव सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे। लेकिन एनटीपीसी प्रबंधन की ओर से कोई वरिष्ठ अधिकारी वहां नहीं पहुंचा, जिससे ग्रामीणों और परिजनों में और ज्यादा रोष व्याप्त हो गया।

शव नहीं उठाने देने पर अड़े ग्रामीण:

आक्रोशित परिजन व ग्रामीणों ने जब तक प्रबंधन की ओर से कोई जवाबदार अधिकारी मौके पर नहीं आता और मुआवजे व सुरक्षा व्यवस्था को लेकर आश्वासन नहीं मिलता, तब तक शव नहीं हटाने की चेतावनी दी है।

प्रबंधन पर उठ रहे सवाल: स्थानीय लोगों का कहना है कि एनटीपीसी द्वारा प्रभावित गांवों में विकास कार्यों की बात तो की जाती है, लेकिन जमीन पर हालात इससे उलट हैं। अधूरे निर्माण कार्य, अंधेरे में डूबे रास्ते और सुरक्षा के नाम पर लापरवाही – यह आम बात हो गई है।अब देखना होगा कि एनटीपीसी प्रबंधन इस गंभीर लापरवाही को लेकर क्या कार्रवाई करता है, और क्या पिंटू के परिजनों को न्याय मिल पाता है या नहीं।

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