कमल सोनी ने कहा-शुद्धता और कीमत पर बड़े कॉरपोरेट घराने फैला रहे हैं भ्रम

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ सराफा संघ ने सोने की खरीदारी में उपभोक्ताओं के साथ हो रहे छल और ब्रांडिंग के नाम पर गुमराह करने वाली मार्केटिंग रणनीतियों के खिलाफ गंभीर चेतावनी जारी की है। संघ के अध्यक्ष कमल सोनी ने शनिवार को बिलासपुर में प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि बड़े कॉरपोरेट ज्वेलरी घराने ग्राहकों को यह कहकर भ्रमित कर रहे हैं कि वे सस्ता और ज्यादा शुद्ध सोना बेच रहे हैं, जबकि यह पूरी तरह भ्रामक और असत्य है।

कमल सोनी ने स्पष्ट कहा, “सोना न तो रेट से सस्ता हो सकता है और न ही कोई उसे रेट से महंगा बेच सकता है। सोने की दर प्रतिदिन वैश्विक स्तर पर तय होती है। ब्रांडेड या अन-ब्रांडेड के नाम पर शुद्धता का भेदभाव एक मिथक है।”

उन्होंने चेतावनी दी कि इस तरह की मार्केटिंग नीतियां न केवल ग्राहकों को गुमराह कर रही हैं बल्कि छोटे और पारंपरिक सराफा व्यापारियों के अस्तित्व के लिए भी खतरा बन रही हैं। “किसी एक ब्रांड का खुद को शुद्ध सोने का इकलौता विक्रेता बताना न केवल अनैतिक है बल्कि यह कानूनी रूप से भी गलत है। इससे उपभोक्ताओं का भरोसा टूट रहा है और व्यापार में पारदर्शिता पर असर पड़ रहा है,” उन्होंने कहा।

छत्तीसगढ़ सराफा संघ में प्रदेशभर के 120 छोटे और मध्यम आकार के पारंपरिक व्यापारिक इकाइयों से जुड़े 12,000 से अधिक पंजीकृत व्यापारी शामिल हैं। संघ ने पूरे प्रदेश में उपभोक्ता जागरूकता अभियान की शुरुआत की है और इसके तहत सोना व आभूषण खरीदने के लिए 9 बिंदुओं की विस्तृत सलाह भी जारी की है।

संघ की सलाह के अनुसार, ग्राहक सबसे पहले यह सुनिश्चित करें कि प्रत्येक गहने पर बीआईएस हॉलमार्क अंकित हो। 22 कैरेट सोने में 91.6% और 18 कैरेट में 75% शुद्धता स्पष्ट रूप से अंकित होनी चाहिए। ग्राहकों को मेकिंग चार्ज के बारे में पहले से स्पष्ट जानकारी लेनी चाहिए, जो सामान्यतः डिज़ाइनर गहनों में 12% से 18% तक होता है। पूरे बिल का सावधानीपूर्वक सत्यापन करना जरूरी है जिसमें वजन को दर से गुणा करके उसमें मेकिंग चार्ज और जीएसटी जोड़कर अंतिम कीमत निकाली जाती है। कोई भी छुपा शुल्क स्वीकार न करें।

हॉलमार्किंग शुल्क भी निर्धारित सीमा के भीतर होना चाहिए, जो अधिकतम Rs 45 प्लस जीएसटी है। प्रत्येक ग्राहक को पूर्ण विवरण वाला बिल अवश्य लेना चाहिए जिसमें वजन, शुद्धता, हॉलमार्क, मेकिंग चार्ज और रिटर्न/एक्सचेंज नीति का उल्लेख हो। खरीदारी से पहले दुकान की एक्सचेंज पॉलिसी भी स्पष्ट रूप से जान लें। सोने की दर की पुष्टि उसी दिन के अपडेटेड रेट से करें। यदि गहनों में पत्थर लगे हों तो यह सुनिश्चित करें कि उनके वजन को सोने के कुल वजन में न जोड़ा जाए।सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि ग्राहक हर पहलू पर प्रश्न पूछने का अधिकार रखें और हर विवरण में पूरी पारदर्शिता सुनिश्चित करें। यही सतर्कता उन्हें ठगी से बचाएगी और पूरे उद्योग में ईमानदारी की नींव को मजबूत करेगी।

इस मौके पर संघ के कोषाध्यक्ष हर्षवर्धन जैन, महासचिव प्रकाश गोलछा, बिलासपुर के कार्यवाहक अध्यक्ष श्रीकांत पांडेय समेत अन्य वरिष्ठ सराफा व्यापारियों ने भी उपभोक्ताओं से सजग और सतर्क रहने की अपील की।

Leave a reply

Please enter your name here
Please enter your comment!