बीजापुर: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सुरक्षाबलों को एक और बड़ी सफलता मिली है। जिले के दक्षिण-पश्चिमी सरहदी जंगलों में हुई मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने दो महिला माओवादियों समेत 17 लाख रुपए के इनामी चार माओवादियों को ढेर कर दिया है। मारे गए माओवादी दक्षिण सब जोनल ब्यूरो से जुड़े एसीएम स्तर के कमांडर थे। घटनास्थल से भारी मात्रा में हथियार, गोला-बारूद और नक्सल सामग्री भी जब्त की गई है।

बीजापुर के एसपी जितेन्द्र यादव ने जानकारी दी कि बासागुड़ा और गंगलूर थाना क्षेत्र के सीमावर्ती जंगलों में माओवादियों की मौजूदगी की विश्वसनीय सूचना के आधार पर डीआरजी बीजापुर की टीम ने 26 जुलाई की शाम सर्च ऑपरेशन चलाया। इस दौरान पुलिस पार्टी और माओवादियों के बीच रुक-रुक कर मुठभेड़ होती रही, जिसमें चार माओवादी मारे गए।

मारे गए माओवादियों की पहचान

1. हुंगा – एसीएम, प्लाटून नंबर 10, दक्षिण सब जोनल ब्यूरो (इनाम 5 लाख)
2. लक्खे – एसीएम, प्लाटून नंबर 30, दक्षिण सब जोनल ब्यूरो (इनाम ₹5 लाख)
3. भीमे – एसीएम, दक्षिण सब जोनल ब्यूरो (इनाम ₹5 लाख)
4. निहाल उर्फ राहुल– पार्टी सदस्य, संतोष कम्युनिकेशन टीम हेड का गार्ड (इनाम ₹2 लाख) इनमें से दो महिला माओवादी थीं, जिनकी शिनाख्त भी उपरोक्त सूची में शामिल है।

मुठभेड़ स्थल से  01 एसएलआर, 3 मैगजीन, 15 जिंदा राउंड 01 इंसास रायफल, 3 मैगजीन, 40 जिंदा राउंड 01 .303 रायफल, 1 मैगजीन, 16 राउंड, 01 बीजीएल लांचर (3 सेल), 01 सिंगल शॉट 315 बोर, 01 12 बोर बंदूक, 12 राउंड, एके-47 के 8 जिंदा राउंड, 03 बीजीएल छोटे सेल, 01 ग्रेनेड नक्सली प्रचार सामग्री, दैनिक उपयोग की वस्तुएं बरामद की गई है।

पुलिस महानिरीक्षक बस्तर रेंज  सुन्दरराज पी. ने बताया कि वर्ष 2024 में मिली निर्णायक बढ़त को आगे बढ़ाते हुए, वर्ष 2025 में भी बस्तर संभाग में प्रतिबंधित एवं गैरकानूनी सीपीआई (माओवादी) संगठन के विरुद्ध सुरक्षा बलों द्वारा सघन और निरंतर अभियान संचालित किए जा रहे हैं। इन अभियानों के तहत पिछले 19 महीनों (जनवरी 2024 से जुलाई 2025) में 425 हार्डकोर माओवादियों के शव बरामद किए गए हैं, जो सुरक्षा तंत्र की प्रभावी रणनीति, साहसिक कार्रवाई और जनसमर्थन का प्रतीक है।

पुलिस महानिरीक्षक ने  विशेष रूप से उल्लेख किया कि मानसून की कठिन परिस्थितियाँ लगातार वर्षा, दुर्गम जंगल-पहाड़ी इलाके और जोखिमभरे रास्ते भी सुरक्षा बलों के जोश और प्रतिबद्धता को डिगा नहीं पाई हैं। सभी बल कठिन भौगोलिक और मौसमीय चुनौतियों के बावजूद पूरे समर्पण के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं।

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