रायपुर: छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले अंतर्गत अचानकमार टाइगर रिजर्व के घने जंगलों में बसा बम्हनी गांव की वर्षों पुरानी पेयजल की समस्या अब बीते समय की बात हो चली है। कभी ग्रामीणों को कई किलोमीटर दूर से पानी लाना पड़ता था, वहां अब जल जीवन मिशन के माध्यम से घर के पास ही शुद्ध पेयजल उपलब्ध हो रहा है।

जिला प्रशासन की यह पहल सिर्फ एक सुविधा नहीं, बल्कि आशा और आत्मसम्मान का नया स्रोत बन गई है। ग्रामीणों की वर्षों पुरानी प्यास बुझाने के इस कार्य का निरीक्षण करने स्वयं कलेक्टर  कुन्दन कुमार और पुलिस अधीक्षक  भोजराम पटेल अचानकमार क्षेत्र के सुदूर ग्राम बम्हनी पहुंचे। उन्होंने वहां बोरिंग से निकले पानी को स्वयं पीकर उसकी गुणवत्ता का प्रत्यक्ष परीक्षण किया। यह दृश्य ग्रामीणों के लिए किसी सहानुभूति और भरोसे से कम नहीं था।वनांचल के दुर्गम गांवों में जल जीवन मिशन के अंतर्गत बोर खनन एवं पेयजल योजनाएं संचालित की जा रही है, जिनसे अब सैकड़ों परिवारों को स्वच्छ जल की सुविधा प्राप्त हो रही है। ग्रामीणों ने बताया कि पहले महिलाएं और बच्चे रोज़ाना पानी भरने के लिए पहाड़ों और पगडंडियों पर कई किलोमीटर का सफर तय करते थे। गर्मियों में तो स्थिति और भी विकट हो जाती थी। अब गांव में बोरिंग, पाइपलाइन और जल स्रोतों की स्थापना ने उन्हें न केवल सुविधा दी है, बल्कि उनके जीवन की दिशा भी बदली है। महिलाएं अब अपना समय बच्चों की देखरेख और आयमूलक गतिविधियों में लगा पा रही हैं। बच्चों की स्कूल उपस्थिति भी बढ़ी है।

वनवासी अंचलों में पेयजल जैसी मूलभूत सेवा की उपलब्धता यह प्रमाण है कि शासन अब वास्तविक ज़रूरतों को प्राथमिकता दे रहा है। यह पहल न केवल स्वास्थ्य और स्वच्छता की दिशा में बदलाव लाने वाली है, बल्कि इससे सामाजिक और आर्थिक जीवन स्तर भी बेहतर हो रहा है। कलेक्टरकुन्दन कुमार ने मौके पर उपस्थित ग्रामीणों से कहा कि प्रशासन का उद्देश्य सिर्फ विकास कार्यों का क्रियान्वयन नहीं, बल्कि उनकी स्थायित्वपूर्ण उपलब्धता सुनिश्चित करना है। पुलिस अधीक्षक  भोजराम पटेल ने भी ग्रामीणों की सहभागिता को सराहते हुए कहा कि शासन-प्रशासन और समाज की साझा भागीदारी ही परिवर्तन की असली कुंजी है।

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