

नारायणपुर: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जिला नारायणपुर में नक्सल उन्मूलन अभियान को एक और बड़ी सफलता मिली। 33 लाख रुपये इनामी 8 माओवादी जिनमें 4 महिला और 4 पुरुष शामिल हैं, ने समाज की मुख्यधारा में लौटते हुए आत्मसमर्पण किया। आत्मसमर्पण करने वाले सभी नक्सलियों ने अब परिवार के साथ जीने और समाज में शांति का संदेश फैलाने की शपथ ली।
पुलिस अधीक्षक रोबिनसन गुड़िया के समक्ष आत्मसमर्पण करने वालों में डीवीसीएम, पीपीसीएम, एसीएम रैंक के शीर्ष कैडर शामिल रहे। आत्मसमर्पण के दौरान सभी को 50-50 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि का चेक सौंपा गया। साथ ही उन्हें छत्तीसगढ़ सरकार की पुनर्वास नीति के अंतर्गत सभी सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी।पूर्व डीवीसीएम वट्टी गंगा उर्फ मुकेश ने बताया कि नक्सली आदिवासी विकास को निगल रहे हैं जबकि सरकार उन्हें शिक्षा, स्वास्थ्य, राशन और सड़क जैसी मूलभूत सुविधाएं दे रही है। महिला नक्सली रीना कुर्साम ने कहा अब मेरी ख्वाहिश है कि मेरी बेटी शिक्षिका बने और शांति का संदेश दे।
एक अन्य माओवादी कमांडर लखमा लेकाम उर्फ रंजीत, जिसने 2013 में जबरन नसबंदी कराई थी, ने कहा कि वह अब पिता बनकर एक सामान्य जीवन जीना चाहता है। वहीं, 8 लाख का इनामी हुर्रा मिडियाम का कहना था कि वह नक्सलियों के आदिवासी विरोधी चेहरे को उजागर करने के लिए समाज में लौटा है।
इस वर्ष अब तक 140 से अधिक नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं, जो यह दर्शाता है कि सुरक्षा बलों के बढ़ते दबाव, अंदरूनी क्षेत्रों में पुलिस कैम्पों की मौजूदगी और नक्सलियों की खोखली विचारधारा से अब उनके ही सदस्य मोहभंग का शिकार हो रहे हैं।
अधिकारियों की मौजूदगी में हुआ आत्मसमर्पण
आत्मसमर्पण के अवसर पर ITBP, BSF और जिला पुलिस के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे, जिनमें नरेंद्र सिंह (सेनानी, 41वीं वाहिनी ITBP), राजीव गुप्ता (कमांडेंट, 45वीं ITBP), मोहम्मद इजराईल (कमांडेंट, BSF) सहित कई अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
इन नामों ने छोड़ा माओवादी रास्ता:
वट्टी गंगा उर्फ मुकेश (8 लाख)
लखमा लेकाम उर्फ रंजीत (8 लाख)
रीना कुर्साम (8 लाख)
रमशिला माडवी (5 लाख)
माली मंडावी (1 लाख)
ईरपा गोटा (1 लाख)
मंगती उसेण्डी (1 लाख)
सतरू मंडावी (1 लाख)






















