

नारायणपुर: छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी पहल पूना मारगेम : पुनर्वास से पुनर्जीवन के तहत जिला नारायणपुर में माओवादी उन्मूलन अभियान को एक और बड़ी सफलता मिली है। बुधवार 17 दिसंबर 2025 को कुल 11 माओवादी कैडरों ने हिंसा का रास्ता छोड़कर समाज की मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया। इनमें37 लाख के इनामी 5 महिला माओवादी भी शामिल हैं।
आत्मसमर्पण करने वालों में उत्तर बस्तर डिवीजन और जीआरबी डिवीजन के सक्रिय कैडर शामिल हैं, जिनमें मिलिट्री कम्पनी सदस्य, एरिया कमेटी सदस्य और पार्टी सदस्य जैसे पदों पर कार्यरत माओवादी रहे हैं। इनमें 6 पुरुष और 5 महिला माओवादी शामिल हैं। सभी ने पुलिस अधीक्षक नारायणपुर रॉबिनसन गुड़िया के समक्ष आत्मसमर्पण किया।
पुलिस के अनुसार, वर्ष 2025 में अब तक जिले में कुल 298 माओवादी कैडर आत्मसमर्पण कर चुके हैं, जो यह दर्शाता है कि क्षेत्र में शांति, विश्वास और विकास की प्रक्रिया लगातार मजबूत हो रही है। आत्मसमर्पित माओवादियों को तत्काल 50-50 हजार की प्रोत्साहन राशि का चेक प्रदान किया गया, साथ ही छत्तीसगढ़ शासन की नक्सल उन्मूलन एवं पुनर्वास नीति के अंतर्गत उन्हें विभिन्न सुविधाएं दी जाएंगी।
पुलिस अधीक्षक रॉबिनसन गुड़िया ने बताया कि लगातार चल रहे नक्सल उन्मूलन अभियान, अति संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा कैम्पों की स्थापना, सड़क, संचार और मूलभूत सुविधाओं के विस्तार तथा शासन की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर माओवादी हिंसा छोड़कर मुख्यधारा में लौट रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह आत्मसमर्पण जिले में स्थायी शांति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
वहीं, बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुन्दरराज पत्तिलिंगमने कहा कि नारायणपुर में लगातार हो रहे आत्मसमर्पण यह संकेत देते हैं कि माओवादी विचारधारा का अंत निकट है। लोग अब हिंसा छोड़कर शांति, सम्मान और विकास का मार्ग चुन रहे हैं। उन्होंने छत्तीसगढ़ शासन, केंद्र सरकार, बस्तर पुलिस, सुरक्षा बलों और स्थानीय प्रशासन के संयुक्त प्रयासों की सराहना की।
इस अवसर पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (नक्सल ऑप्स.) अजय कुमार, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुशील कुमार नायक, बीएसएफ, आईटीबीपी के वरिष्ठ अधिकारी, अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) सहित बड़ी संख्या में पुलिस अधिकारी एवं मीडियाकर्मी उपस्थित रहे।






















