पटना:  बिहार विधानसभा चुनावों के मद्देनजर आदर्श आचार संहिता लागू होने के साथ ही, प्रदेश में प्रवर्तन एजेंसियों ने मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए धन, शराब, नशीले पदार्थों और अन्य प्रलोभनों के अवैध इस्तेमाल पर अंकुश लगाने के लिए निगरानी और कार्रवाई तेज कर दी है।

भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, सोमवार को बिहार भर में 246.23 करोड़ रुपए मूल्य की वस्तुएं जब्त की गईं। इनमें 7.7 लाख रुपए नकद, 130.64 लाख रुपए की शराब, 68.6 लाख रुपए के नशीले पदार्थ, 20 लाख रुपए की कीमती धातुएं और 39 लाख रुपए के उपहार और अन्य सामग्री शामिल हैं।

आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद से एजेंसियों ने कुल मिलाकर 78 लाख रुपए नकद, 1,201.1 लाख की शराब, 442 लाख के नशीले पदार्थ, 278.80 करोड़ की कीमती धातुएं और 514.1 लाख के मुफ्त उपहार और अन्य वस्तुएं जब्त की हैं।

स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए, जिला प्रशासन, पुलिस, आबकारी विभाग, आयकर विभाग, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, सीमा शुल्क और मुख्यमंत्री उड़नदस्ता टीमों द्वारा संयुक्त अभियान चलाया जा रहा है। प्रदेश में शांति और व्यवस्था बनाए रखने के लिए असामाजिक और विघटनकारी तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है।

अब तक, राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम, स्वापक औषधि और मन:प्रभावी पदार्थ अधिनियम, प्रमाणन प्राधिकरण नियंत्रक और अन्य संबंधित अधिनियमों के तहत 2,60,211 निवारक मुचलके निष्पादित किए गए हैं और 556 व्यक्तियों को हिरासत में लिया गया है।

पटना के मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय ने सभी जिला अधिकारियों को निगरानी बढ़ाने, अंतर-एजेंसी समन्वय बढ़ाने और हर शिकायत पर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने बताया कि इन उपायों का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि बिहार में मतदाता बिना किसी प्रलोभन या दबाव के स्वतंत्र रूप से अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें।

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