छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में शनिवार को सराफा कारोबारी संतोष आचार्य की हत्या ने पूरे शहर को हिला दिया। शीतल नगर निवासी संतोष पर आठ हमलावरों ने उनके ही घर में घुसकर बेरहमी से हमला किया। वारदात इतनी बर्बर थी कि इलाके में दहशत और गुस्से का माहौल फैल गया।

घर में घुसकर की गई निर्मम पिटाई

घटना दोपहर की है जब संतोष आचार्य घर पर अकेले थे। तभी आठ हमलावर लोहे की रॉड से दरवाजा तोड़कर अंदर घुसे और लाठी-डंडों व लात-घूंसों से उन पर ताबड़तोड़ हमला कर दिया। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, हमलावरों ने उन्हें गंभीर रूप से घायल करने के बाद भी नहीं छोड़ा।

कचरा गाड़ी में डालकर दोबारा की पिटाई

हमलावरों की क्रूरता यहीं खत्म नहीं हुई। उन्होंने संतोष को घर से घसीटकर बाहर निकाला, फिर कचरा गाड़ी में डालकर सराफा लाइन इलाके तक ले गए और वहीं दोबारा उनकी पिटाई की। मौके पर ही संतोष की मौत हो गई। लोगों ने बताया कि पूरी वारदात पूर्व नियोजित थी।

इलाके में तनाव, दुकानें बंद

हत्या के बाद सराफा लाइन और आसपास की दुकानें बंद हो गईं। व्यापारियों ने प्रशासन पर सुरक्षा में लापरवाही का आरोप लगाते हुए सख्त कार्रवाई की मांग की।

पुलिस की त्वरित कार्रवाई

घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। एसपी के निर्देश पर 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। पूछताछ में पता चला कि हत्या के पीछे पैसों के लेन-देन और पुराने विवाद की वजह थी।

व्यापारियों का विरोध और मांग

मृतक के परिवार और सराफा व्यापारियों में भारी गुस्सा है। उन्होंने आरोपियों को फास्ट-ट्रैक कोर्ट में सजा दिलाने और शहर में सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है। व्यापारियों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो वे दुर्ग बाजार बंद आंदोलन करेंगे।

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