जमीन घोटाले में भाजपा जिलाध्यक्ष, अधिवक्ता, कांग्रेस नेता सहित सात के खिलाफ अपराध दर्ज करने का आदेश

अंबिकापुर। जिला सत्र न्यायालय अंबिकापुर ने एक बड़े फैसले में भाजपा जिला अध्यक्ष भारत सिंह सिसोदिया, कांग्रेस जिला महामंत्री राजीव अग्रवाल, एक अधिवक्ता सहित कुल 7 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज करने का आदेश दिया है।
मामला एक ग्रामीण महिला की करोड़ों रुपये मूल्य की भूमि के एग्रीमेंट के बाद पूर्ण भुगतान नहीं करने और धोखाधड़ी का है। आरोप है कि इन लोगों ने षड्यंत्रपूर्वक महिला को आर्थिक नुकसान पहुंचाने की मंशा से भूमि खरीद प्रक्रिया में धोखाधड़ी की।कोतवाली पुलिस को निर्देशित किया गया है कि वह दो सप्ताह के भीतर अपराध दर्ज कर जांच शुरू करे।

जानकारी के अनुसार आवेदक चंद्रमणी देवी और कलावती कुशवाहा, जो गांधीनगर और भैयाथान क्षेत्र की निवासी हैं, ने अपने अधिवक्ता दिनेश कुमार सिंह पर भरोसा कर अपने पैतृक ज़मीन के बंटवारे और नामांतरण की प्रक्रिया के लिए सभी दस्तावेज सौंपे थे। अधिवक्ता ने अपने साथी भू-माफियाओं के साथ मिलकर एक गहरी साजिश रचते हुए कुल 2.87 हेक्टेयर ज़मीन को महज ₹40.16 लाख में बेच डाला, जबकि पहले उसका एग्रीमेंट ₹1.75 करोड़ में किया गया था।

कैसे हुई धोखाधड़ी?

1.पहले 22 मई 2015 को भूमि का फर्जी नोटरी अनुबंध ₹1.75 करोड़ में केदारपुर अंबिकापुर निवासी राजीव अग्रवाल के नाम पर कराया गया, बिना भुगतान के।

2.फिर 21 नवंबर 2016 को उसी भूमि का दूसरा एग्रीमेंट ₹1.13 करोड़ में कराया गया, जिसमें केवल ₹50,000 नकद दिए गए और शेष राशि कागजों में ही दर्शाई गई।

3. इसके बाद 25 सितंबर और 16 नवंबर 2017 को तीन रजिस्ट्री की गई, जिसमें अलग-अलग हिस्सों के लिए कुल ₹40.16 लाख का भुगतान किया गया।

पुलिस व अन्य प्रशासनिक अधिकारियों को कई बार शिकायत देने के बावजूद कोई कार्यवाही नहीं की गई

पीड़ित आवेदिकाओं द्वारा अभियुक्तगणों की धोखाधड़ी संबंधी गतिविधियों की जानकारी प्राप्त होने के पश्चात विभिन्न स्तरों पर बार-बार शिकायत की गई। दिनांक 10.06.2018, 16.02.2019 एवं 07.07.2023 को थाना अंबिकापुर में, दिनांक 06.07.2023 व 21.08.2023 को पुलिस अधीक्षक सरगुजा को, तथा दिनांक 14.09.2018, 16.02.2019 एवं 07.07.2023 को पुलिस महानिरीक्षक सरगुजा रेंज को शिकायत प्रस्तुत की गई। इसके बावजूद, संबंधित किसी भी प्राधिकारी द्वारा मामले की जांच अथवा कोई आवश्यक कार्रवाई नहीं की गई, जिससे पीड़ितों को न्याय प्राप्ति हेतु न्यायालय का दरवाज़ा खटखटाना पड़ा।”

क्या कहा कोर्ट ने?

156(3) दंड प्रक्रिया संहिता के तहत प्रस्तुत आवेदन पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने माना कि—

आवेदक अनपढ़ व ग्रामीण महिलाएं हैं।

अधिवक्ता ने अपने पद और ज्ञान का दुरुपयोग कर भू-माफिया साथियों के साथ मिलकर साजिश रची।

₹1.75 करोड़ के एग्रीमेंट की जमीन को ₹40 लाख में रजिस्ट्री करवाना प्रथम दृष्टया धोखाधड़ी और विश्वासघात को दर्शाता है।

पुलिस व अन्य प्रशासनिक अधिकारियों को कई बार शिकायत देने के बावजूद कोई कार्यवाही नहीं की गई

कोर्ट का निर्देश

मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, अंबिकापुर ने थाना प्रभारी अंबिकापुर को आदेशित किया है कि “प्रकरण की जांच की जाए, तथा प्रथम दृष्टया अपराध पाए जाने पर भारतीय दंड संहिता की धाराओं 420 (धोखाधड़ी), 467, 468, 471 (जालसाजी से संबंधित), 120-B (आपराधिक षड्यंत्र), व 34 (सामूहिक आपराधिक कृत्य) के अंतर्गत अभियोग पंजीबद्ध कर जांच की जाए।”

नामजद आरोपी:

1. दिनेश कुमार सिंह ,पिता रामाधार सिंह( 60 वर्ष) निवासी मिश्रा होटल के सामने, होलीक्रॉस स्कूल के पीछे, बनारस रोड, गांधीनगर अंबिकापुर

2. रविकांत सिंह पिता नरेन्द्र सिंह(50 वर्ष) निवासी  प्रतापपुर रोड, ग्राम सरगवां अंबिकापुर

3.भारत सिंह सिसोदिया पिता पी.एस. सिसोदिया (49 वर्ष) निवासी साईं मंदिर रोड, रावत रेसीडेंसी, भगवानपुर अंबिकापुर

4. नीरज प्रकाश पाण्डेय पिता प्रकाश पाण्डेय( 48 वर्ष) निवासी मकान क्रमांक 12/192, रिंग रोड, महामाया पेट्रोल पंप के पास, नमनाकला, अंबिकापुर

5. राजेश सिंह पिता  लालजी सिंह( 53 वर्ष) निवासी गोधनपुर-अम्बिकापुर

6. निलेश सिंह पिता निरंजन सिंह( 50 वर्ष) निवासी सरपंच पारा, केंद्रीय विद्यालय के सामने, ग्राम-भगवानपुरखुर्द,

7. राजीव अग्रवाल पिता  सीताराम अग्रवाल (50 वर्ष) निवासी केदारपुर, अम्बिकापुर।

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