सूरजपुर/ दिपेश कुशवाहा: सूरजपुर जिले में अंधे कत्ल के एक सनसनीखेज मामले में न्यायालय ने पत्नी और उसके प्रेमी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। यह फैसला माननीय तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश डायमंड कुमार गिलहरे की अदालत ने सुनाया। अदालत ने अपराध को साबित करने के लिए डॉग स्क्वाड, फॉरेंसिक साक्ष्य, लास्ट सीन थ्योरी और कॉल डिटेल को अहम आधार माना।

दरअसल यह मामला ग्राम नमदगिरी का है, जहाँ 2 जनवरी 2024 की रात को सुनील देवांगन संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गया था। अगले दिन सुबह उसका शव खेत में पाया गया। मृतक के भाई नरेश देवांगन की सूचना पर थाना सूरजपुर में  मर्ग कायम कर मामला दर्ज किया गया। डॉक्टर की रिपोर्ट में मौत को हत्यात्मक बताया गया, जिसके बाद मामलाधारा 302  अपराध पंजीबद्ध कर जांच शुरू की गई।

जांच के दौरान निरीक्षक विमलेश दुबे की टीम ने डॉग स्क्वाड की मदद ली। डॉग मास्टर ने मृतक के कमरे से सीधे उसकी पत्नी लक्ष्मी देवांगन की ओर संकेत किया। साथ ही मुखबिरों से यह जानकारी भी मिली कि लक्ष्मी के रामकुमार केंवट नामक व्यक्ति से अवैध संबंध थे। पुलिस पूछताछ में लक्ष्मी ने जुर्म कबूल करते हुए बताया कि पति को उनके संबंधों पर शक था, इसी बात पर दोनों के बीच झगड़े होते थे।इसके चलते लक्ष्मी और रामकुमार ने मिलकर सुनील की हत्या की साजिश रची और गमछे से गला दबाकर उसकी हत्या कर दी। बाद में शव को खेत में फेंक दिया गया ताकि घटना को दुर्घटना का रूप दिया जा सके।पुलिस ने पर्याप्त सबूत एकत्र कर अपर लोक अभियोजक के.के. नाविक के माध्यम से अदालत में आरोप पत्र प्रस्तुत किया। न्यायालय ने सभी साक्ष्यों और बयानों के आधार पर दोनों आरोपियों को दोषी पाया।

अदालत ने लक्ष्मी देवांगन और रामकुमार केंवट को धारा 302/34 के तहत आजीवन कारावास और ₹10,000 जुर्माना, तथा धारा 201/34 के तहत 2 वर्ष सश्रम कारावास और ₹10,000 जुर्माना से दंडित किया है।

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