बिलासपुर: सेंट्रल यूनिवर्सिटी बिलासपुर में बिहार से पढ़ने आए छात्र अर्सलान अंसारी की मौत का रहस्य अब और गहराता जा रहा है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है कि मौत से पहले अर्सलान के सिर पर चोट के निशान थे। चार सदस्यीय डॉक्टरों की टीम ने इस बात की पुष्टि की है, जिससे अब मामला हादसे से ज्यादा हत्या की आशंका की ओर इशारा कर रहा है।

हालांकि डॉक्टरों का कहना है कि ब्लड और टिश्यू के रासायनिक परीक्षण के बाद ही मौत का असली कारण स्पष्ट हो सकेगा। इस बीच पुलिस ने रिपोर्ट पर आपत्ति जताते हुए डॉक्टरों से चार सवाल पूछे हैं — चोट को जीवनकालीन (Antemortem) बताने का आधार क्या है, यह चोट कैसे लगी, क्या यह मृत्यु का कारण बनी, और क्या यह हादसे का नतीजा हो सकती है।

गुरु घासीदास यूनिवर्सिटी के फिजिक्स विभाग में बीएससी कर रहा अर्सलान 21 अक्टूबर को विवेकानंद हॉस्टल से वीडियो कॉल पर बात करते हुए निकला, लेकिन लौटकर नहीं आया। दो दिन बाद, 23 अक्टूबर को, उसका शव हॉस्टल के पीछे तालाब में संदिग्ध हालत में मिला। 26 अक्टूबर को पहचान होने के बाद शव उसके पिता अरशद अंसारी को सौंपा गया।

वहीं, यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने बुंदेला सिक्योरिटी एजेंसी को नोटिस भेजा है, जबकि असली सुरक्षा की जिम्मेदारी ईगल हंटर कंपनी के पास है। केयरटेकर विजय कुमार और जयंत पटेल को हटाया गया, लेकिन छात्रों का कहना है कि प्रशासन सिर्फ दिखावा कर रहा है।

NSUI और ABVP के छात्रों ने कुलपति आलोक चक्रवाल को हटाने की मांग की है, पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। फिलहाल, अर्सलान अंसारी की मौत की गुत्थी सुलझाने के लिए पुलिस जांच जारी है और सबकी निगाहें फॉरेंसिक रिपोर्ट पर टिकी हैं।

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