

रायगढ़: छत्तीसगढ़–ओडिशा सीमा से धान के अवैध परिवहन पर नकेल कसने प्रशासन ने बीती रात एक बड़ी और निर्णायक कार्रवाई की। कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी के निर्देश पर घरघोड़ा एसडीएम दुर्गा प्रसाद अधिकारी के नेतृत्व में गठित संयुक्त टीम ने उन सात अंदरूनी जंगल रास्तों को पूरी तरह बंद कर दिया, जिनका उपयोग ओडिशा से धान की तस्करी में किया जा रहा था।
गुप्त सूचना पर प्रशासनिक टीम देर रात मौके पर पहुंची। जमीनी निरीक्षण के बाद एसडीएम ने तत्काल जेसीबी मंगवाकर सभी सात तस्करी मार्गों की गहरी खुदाई कर उन्हें स्थायी रूप से अवरुद्ध करा दिया। ये रास्ते कोचियों द्वारा जंगलों के भीतर गुप्त रूप से तैयार किए गए थे, जिनका उपयोग लंबे समय से धान की अवैध आवक के लिए किया जा रहा था।
चार अंतरराज्यीय तस्कर गिरफ्तार, भेजे गए जेल
कार्रवाई के दौरान मौके पर मौजूद चार अंतरराज्यीय कोचियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। अधिकारियों से विवाद करने और शासकीय कार्य में बाधा डालने पर उनके विरुद्ध धारा 126, 135(3), 170 के तहत अपराध दर्ज किया गया है।यह कार्रवाई तब तेज हुई जब 28 नवंबर को तमनार के ग्राम बिजना में ओडिशा से धान आने की सूचना मिली। निरीक्षण में पता चला कि सात गुप्त रास्तों से बड़े पैमाने पर धान की आवाजाही जारी थी। प्रशासन अब यह पता लगा रहा है किइन रास्तों से अब तक कितनी मात्रा में धान लाया गया।किन क्षेत्रों में खपाने की तैयारी थी।इस नेटवर्क में और कौन-कौन शामिल है।गिरफ्तार कोचियों से पूछताछ जारी है, जिससे और महत्वपूर्ण सुराग मिलने की उम्मीद है।राजस्व, खाद्य और मंडी विभाग की टीमों ने लगातार कार्रवाई करते हुए कोचियों पर दफा 107(6) के तहत प्रतिबंधात्मक कार्यवाही भी की है।
कलेक्टर ने दी कड़ी निगरानी के निर्देश
कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि सीमा और जंगल क्षेत्रों में नियमित गश्त बढ़ाई जाए, संदिग्ध गतिविधि की तुरंत जांच हो और धान खरीदी प्रक्रिया के दौरान अवैध व्यापार की किसी भी संभावना को पूरी तरह खत्म किया जाए।






















