नारायणपुर: अबूझमाड़ को मुख्यधारा से जोड़ने और नक्सल मुक्त बस्तर की दिशा में एक और ऐतिहासिक कदम बढ़ाते हुए नारायणपुर पुलिस ने थाना ओरछा क्षेत्र के ग्राम डोडीमरका में नया सुरक्षा एवं जन-सुविधा कैंप स्थापित कर दिया है। वर्ष 2025 के भीतर यह 18वां कैंप है, जो माओवादी गतिविधियों के गहरे प्रभाव वाले इलाके में खोला गया है।

वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में चल रहे “माड़ बचाओ अभियान” के तहत नारायणपुर पुलिस, डीआरजी और आईटीबीपी 44वीं बटालियन ने संयुक्त रूप से यह कैम्प तैयार किया। इसका उद्देश्य न केवल सुरक्षा बढ़ाना है, बल्कि दूरस्थ अबूझमाड़ क्षेत्र को सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य, मोबाइल नेटवर्क और अन्य मूलभूत सुविधाओं से जोड़कर इसे विकसित करना भी है।डोडीमरका लंबे समय से माओवादियों का सुरक्षित आश्रय स्थल माना जाता रहा है। लेकिन हालिया अभियान के बाद यहां नया सुरक्षा कैम्प स्थापित किए जाने से ग्रामीणों में सुरक्षा की नई भावना जागी है।
यह क्षेत्र थाना ओरछा से 28 किमी, आदेर से 25 किमी,
कुड़मेल से 15 किमीजाटलूर से 10 किमीऔर धोबे से मात्र 5 किमी की दूरी पर स्थित है।कैंप स्थापित होने के बाद अब इस इलाके में सड़क निर्माण, पुल-पुलिया, शिक्षा, चिकित्सा और मोबाइल नेटवर्क की सुविधाएं तेजी से पहुंचाई जा सकेंगी।

कैम्प के खुलने से ओरछा–आदेर–लंका मार्ग पर सड़क निर्माण कार्य को सुरक्षा मिली है। इससे आने वाले दिनों में अबूझमाड़ के अंदरूनी गांवों तक सड़क, इंटरनेट, स्वास्थ्य सेवाएं और अन्य जनकल्याणकारी योजनाओं का सीधा लाभ मिल सकेगा।

एक साल में 18 कैम्प नक्सलियों की कमर टूटी

साल 2025 में नारायणपुर पुलिस ने नक्सलियों के मजबूत गढ़ रहे कई इलाकों कुतुल, कोडलियर, बेडमाकोटी, पदमकोट, कान्दुलपार, नेलांगूर, पांगूड, रायनार, एडजुम, ईदवाया, आदेर, कुड़मेल, कोंगे, सितरम, तोके, जाटलूर, धोबे और अब डोडीमरका में लगातार कैम्प खोलकर नक्सल नेटवर्क को कमजोर किया है।

नवीन कैम्प स्थापना में पुलिस महानिरीक्षक बस्तर रेंज  पी. सुन्दराज, DIG कांकेर रेंज अमित कांबले, पुलिस अधीक्षक नारायणपुर रोबिनसन गुरिया, ITBP 44वीं वाहिनी कमांडेंट  मुकेश कुमार दसमाना सहित डीआरजी, बस्तर फाइटर, तथा ITBP की 27वीं, 38वीं, 40वीं और 44वीं वाहिनी के जवानों का महत्वपूर्ण योगदान रहा।

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