CG News: छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद को लेकर बड़ा मोड़ आया है। 17 अक्टूबर का दिन राज्य के इतिहास में ऐतिहासिक बन गया, जब 210 नक्सलियों ने एक साथ आत्मसमर्पण किया। इसमें पोलित ब्यूरो सदस्य रूपेश, सोनू दादा और प्रभाकर जैसे करोड़ों के इनामी नक्सली शामिल थे। लगातार हो रहे आत्मसमर्पण से यह स्पष्ट हो रहा है कि नक्सलवाद अब अपने अंत की ओर बढ़ रहा है।

इस बीच, अब गरियाबंद जिले की उदंती एरिया कमेटी ने भी हथियार बंद युद्ध विराम की अपील की है। एरिया कमांडर सुनील द्वारा जारी एक पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें उसने धमतरी-गरियाबंद-नुआपाड़ा डिवीजन के अन्य साथियों से हथियार छोड़कर मुख्यधारा में लौटने की अपील की है। उसने बस्तर और महाराष्ट्र में आत्मसमर्पण कर चुके नक्सली नेताओं के फैसले को सही ठहराया है।

वायरल पत्र में लिखा है कि फोर्स का दबाव बढ़ गया है, इसलिए अब हिंसा का रास्ता छोड़कर शांति का मार्ग अपनाना चाहिए। पत्र में 20 अक्टूबर को बैठक आयोजित करने की बात भी कही गई है। वहीं, गरियाबंद पुलिस ने इस पत्र की जांच शुरू कर दी है।

प्रदेश सरकार ने नक्सलियों के आत्मसमर्पण का स्वागत किया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि यह दिन छत्तीसगढ़ के इतिहास में दर्ज होगा, जब माओवादियों ने गांधीजी और संविधान में विश्वास जताते हुए शांति का रास्ता चुना। गृहमंत्री विजय शर्मा ने भी कहा कि बस्तर में अब परिवर्तन की लहर चल पड़ी है और आने वाले दिनों में और भी नक्सलियों के आत्मसमर्पण की संभावना है।

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