

MP Naxali Surrender: मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले में 10 नक्सलियों ने सरेंडर किया है, ये इतिहास का सबसे बड़ा नक्सली सरेंडर माना जा रहा है. इसे सुरक्षाबलों की बड़ी कामयाबी मानी जा रही है. छत्तीसगढ़ में नक्सल विरोधी अभियान के तेज होने के बाद नक्सली सीमा पार करके पड़ोसी राज्यों में भाग रहे हैं. बालाघाट, एमपी का एकमात्र नक्सल प्रभावित जिला है. ये छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के साथ सीमा साझा करता है.
77 लाख का इनामी नक्सली कबीर भी शामिल
बताया जा रहा है कि बालाघाट में केबी (कान्हा-भोरमदेव) डिवीजन के 10 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है. इस डिवीजन का लीडर सेक्रेट्री सुरेन्द्र उर्फ कबीर ने भी सरेंडर कर दिया है. कबीर पर सरकार ने 77 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था. सरेंडर करने वाले नक्सलियों में 4 महिला और 6 पुरुष नक्सली शामिल हैं. आत्मसमर्पित नक्सली रविवार (7 दिसंबर) को सीएम मोहन यादव को हथियार सौंप सकते हैं.
बालाघाट में बढ़ीं नक्सली गतिविधियां
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने 30 मार्च 2026 तक नक्सलमुक्त छत्तीसगढ़ की बात कही है. इसे ध्यान में रखते हुए सुरक्षाबल लगातार नक्सली विरोधी अभियान चला रहे हैं. MMC (मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़) डिवीजन में नक्सलियों के बीच भगदड़ सी मच गई है. नक्सली या तो मुठभेड़ में मारे जा रहे हैं या नक्सली सरेंडर कर कर रहे हैं.
यही कारण है कि एमपी के दक्षिण पूर्व में स्थित बालाघाट जिले में नक्सलियों की गतिविधियां तेज हुई हैं. इसके साथ ही हॉक फोर्स के जवानों के साथ मुठभेड़ की खबर आती रही है. शनिवार को भी सर्चिंग के दौरान नक्सलियों और हॉक फोर्स के जवानों के बीच फायरिंग हुई. बाद में माओवादी जान बचाकर घने जंगल में छिप गए.






















