गरियाबंद: गरियाबंद जिले में नक्सल विरोधी अभियान को बड़ी सफलता मिली है। यहां दो हार्डकोर नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में संतोष उर्फ लाल पवन और मंजू उर्फ नन्दे शामिल हैं। दोनों पर शासन द्वारा 5-5 लाख रुपये का इनाम घोषित था।

पुलिस अधिकारियों के अनुसार संतोष उर्फ लाल पवन एसडीके एरिया कमेटी में सक्रिय था, जबकि मंजू उर्फ नन्दे सिननापाली एरिया कमेटी से जुड़ी हुई थी। दोनों नक्सली बीते 20 वर्षों से अधिक समय से नक्सली गतिविधियों में सक्रिय थे और उन पर दर्जनों गंभीर वारदातों में शामिल होने के आरोप हैं। बताया गया है कि दोनों कई मुठभेड़ों में भी सक्रिय रूप से शामिल रहे हैं।

दोनों नक्सलियों ने गरियाबंद में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) के समक्ष आत्मसमर्पण किया। पुलिस का कहना है कि शासन की पुनर्वास नीति, लगातार चलाए जा रहे नक्सल विरोधी अभियानों और मुख्यधारा से जुड़ने की अपील के चलते नक्सली आत्मसमर्पण के लिए आगे आ रहे हैं।आंकड़ों के अनुसार बीते एक वर्ष में गरियाबंद जिले में कुल 30 माओवादी आत्मसमर्पण कर चुके हैं, जबकि 28 माओवादी विभिन्न मुठभेड़ों में मारे गए हैं। यह नक्सलवाद के खिलाफ सुरक्षा बलों की बड़ी सफलता मानी जा रही है।

पुलिस प्रशासन ने आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को शासन की पुनर्वास योजना का लाभ दिलाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है और अन्य नक्सलियों से भी हिंसा का रास्ता छोड़ मुख्यधारा में लौटने की अपील की है।

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