रायपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को दिवाली के दिन अपने बेटे चैतन्य बघेल से मिलने की अनुमति नहीं दी गई। इस बात की जानकारी खुद भूपेश बघेल ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (ट्विटर) पर साझा की।

उन्होंने पोस्ट में लिखा, “दो दशक पहले जब मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने मेरे बाबूजी को जेल भेजा था, तब दीवाली के दिन उनसे मिलने की अनुमति मिल गई थी। लेकिन आज, प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह की कृपा से बेटा जेल में है और मुझे उससे मिलने की अनुमति तक नहीं मिली। बहरहाल, सभी को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं।”

उल्लेखनीय है कि चैतन्य बघेल को छत्तीसगढ़ शराब घोटाले के मनी लॉन्ड्रिंग केस में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार किया है। उन्होंने ईडी की कार्रवाई को असंवैधानिक बताते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। हालांकि, हाईकोर्ट की सिंगल बेंच जस्टिस अरविंद कुमार वर्मा ने याचिका को खारिज कर दिया है।

कोर्ट ने कहा कि ईडी की जांच और गिरफ्तारी कानून के दायरे में की गई है, इसलिए इसमें हस्तक्षेप की कोई आवश्यकता नहीं है। इस मामले में ईडी की ओर से एडवोकेट सौरभ पांडेय ने पैरवी की।

भूपेश बघेल के इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज हो गई है। समर्थकों का कहना है कि दिवाली जैसे पावन पर्व पर पिता को बेटे से मिलने की अनुमति न मिलना अमानवीय है, जबकि विपक्ष का कहना है कि कानून सबके लिए समान है और न्यायिक प्रक्रिया पर किसी तरह का दबाव नहीं डाला जा सकता।

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