मध्य प्रदेश में भावांतर योजना के तहत सोयाबीन की खरीदी 24 अक्टूबर से जारी है। दस दिनों से ज्यादा समय बीत जाने के बावजूद अभी तक मॉडल रेट जारी नहीं किए गए हैं, जिससे किसान इस बात को लेकर असमंजस में हैं कि वे अपनी फसल अनाज मंडियों में बेचें या इंतजार करें। फिलहाल, किसानों को सोयाबीन का औसत रेट 3800 से 4000 रुपये प्रति क्विंटल मिल रहा है।

सरकार ने घोषणा की है कि मॉडल रेट 7 नवंबर को जारी किए जाएंगे। किसानों के बीच डर है कि मॉडल रेट घोषित होने के बाद भावांतर योजना के तहत उचित मूल्य नहीं मिल सकेगा। इस योजना के तहत अब तक करीब 25,999 टन सोयाबीन खरीदी जा चुकी है।

प्रदेश में 3 से 17 अक्टूबर के बीच 9.36 लाख किसानों ने भावांतर योजना के तहत पंजीकरण कराया, जिनकी भूमि कुल मिलाकर लगभग 22.64 लाख हेक्टेयर है। राज्य सरकार ने किसानों और व्यापारियों के लिए हेल्पलाइन नंबर 0755-2704555 जारी किया है। यह नंबर सुबह 7 बजे से रात 11 बजे तक उपलब्ध रहेगा। योजना के तहत सोयाबीन का विक्रय 15 जनवरी 2026 तक जारी रहेगा।

भावांतर योजना क्या है?
यह योजना प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान के तहत 2017 में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा शुरू की गई थी। इसके तहत, भारत सरकार द्वारा घोषित MSP और राज्य कृषि मंडी मॉडल मूल्य के बीच अंतर की राशि किसानों को DBT के माध्यम से सीधे दी जाती है। इसके लिए किसान को पहले अनाज मंडियों में फसल बेचनी होती है और ई-उपार्जन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है।

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