कोलकाता। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने वर्ष 2025 को भारत के लिए ‘गगनयान वर्ष’ घोषित किया है। इसरो प्रमुख वी. नारायणन ने कहा कि अब तक 7200 अंतरिक्ष मिशन पूरे हो चुके हैं और भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी द्वारा 3 हजार अन्य परीक्षण अभी भी लंबित हैं।

क्या है गगनयान वर्ष’

कोलकाता में एक कार्यक्रम के दौरान बोलते हुए वी. नारायणन ने कहा, “यह वर्ष हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण वर्ष है और इसे हमने गगनयान वर्ष घोषित किया है। मनुष्यों को अंतरिक्ष में भेजने से पहले हमने तीन मानवरहित मिशनों की योजना बनाई है और इस वर्ष पहला मानवरहित मिशन की योजना है।”

क्या है स्पैडेक्स मिशन?

इसरो प्रमुख ने कहा, “6 जनवरी को हमने आदित्य L1 अंतरिक्ष यान द्वारा एकत्र किए गए एक साल के वैज्ञानिक डाटा को जारी किया था। आप सभी जानते हैं कि आदित्य L1 अपने आप में एक अनूठा सैटेलाइट है और भारत उन चार देशों में से एक है जिसने सूर्य के अध्ययन के लिए सैटेलाइट स्थापित किया है।”

वी. नारायणन ने स्पैडेक्स मिशन के पूरा होने पर खुशी जाहिर की और कहा कि इस मिशन को पूरा करने के लिए दस किलो ईंधन का प्रबंध किया गया था। उन्होंने यह भी बताया कि 2025 में कई मिशनों की योजना बनाई गई है, जिसमें नासा-इसरो सिंथेटिक एपर्चर रडार सैटेलाइट भी शामिल है, जिसे भारत के अपने प्रक्षेपण यान द्वारा लॉन्च किया जाएगा।

इसरो की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, स्पैडेक्स मिशन के तहत अंतरिक्ष में डॉकिंग को प्रदर्शित करने के लिए PSLV द्वारा लॉन्च किए गए दो छोटे स्पेसशिप का उपयोग करता है। वी. नारायणन ने कहा कि इसरो द्वारा दिसंबर 2025 तक ‘व्योममित्र’ नामक रोबोट के साथ पहला मानव रहित मिशन लॉन्च किया जाएगा, जिसके बाद दो और मानव रहित मिशन होंगे।इसरो प्रमुख वी. नारायणन ने बताया कि इसरो ने साल 2027 की पहली तिमाही तक पहली मानव अतंरिक्ष उड़ान का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष लगभग हर महीने एक प्रक्षेपण निर्धाति है।

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