

बलरामपुर। एनएच-343 पर बलरामपुर से रामानुजगंज और अंबिकापुर से पस्ता तक सड़क की हालत इतनी खराब हो चुकी है कि हर रोज लोग जान जोखिम में डालकर यात्रा करने को मजबूर हैं। अंबिकापुर से पस्ता महान नदी तक की सड़क बड़े-बड़े गड्ढों में तब्दील हो चुकी है। लगातार हो रही दुर्घटनाओं में कई लोगों की जान जा चुकी है लेकिन जिम्मेदार विभाग अब तक चुप्पी साधे हुए है।
सोमवार सुबह करीब 9:30 बजे राजपुर से बलरामपुर के बीच दालधोवा घाट मंदिर के पास एक लोहे से भरा क्लिंकर ट्रेलरवाहन गड्ढों में फंस गया वहीं पिकअप वाहन खराब हो गया इससे सड़क पूरी तरह अवरुद्ध हो गई और दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। लोग एक घंटे जाम में फंसे रहे। भारी मशक्कत के बाद यातायात विभाग की टीम मौके पर पहुंची और एक घंटे के बाद पिकअप को हटाकर आवाजाही शुरू करवाई गई।

ओवरलोडिंग बना जर्जर सड़क की सबसे बड़ी वजह
स्थानीय लोगों ने बताया कि राजपुर से गिट्टी, बालू और अन्य खनिज ले जाने वाली ओवरलोड गाड़ियां सैकड़ों की संख्या में रोजाना गुजरती हैं। क्षमता से अधिक लोडिंग के चलते सड़कों पर बड़े-बड़े गड्ढे बन चुके हैं। विभाग के अफसर इन हालात पर आंखें मूंदे हुए हैं और कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है। आम जनता को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।

राजनीतिक दबाव में यातायात विभाग, कार्रवाई के नाम पर दिखावा
राहगीरों का आरोप है कि बलरामपुर यातायात विभाग के अधिकारी को राजनीतिक दबाव में कई प्रभार दे दिए गए हैं। यातायात कार्यालय के सामने से ही ओवरलोड वाहन धड़ल्ले से निकल रहे हैं, लेकिन कार्रवाई सिर्फ बाइक चालकों और पिकअप चालकों पर ही होती है। लोग कह रहे हैं कि ऐसे अधिकारियों को हटाया जाना चाहिए जो सिर्फ दिखावा करते हैं और असल समस्या पर कोई ध्यान नहीं देते।






















