बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने गरियाबंद जिले में हुए आइईडी ब्लास्ट मामले में गिरफ्तार पूर्व सरपंच रामस्वरूप मरकाम की जमानत याचिका खारिज कर दी है। यह मामला 17 नवंबर 2023 को हुए माओवादी हमले से जुड़ा है, जिसमें आईटीबीपी के जवान जोगेंद्र कुमार की मौत हो गई थी।

मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति विभु दत्त गुरु की खंडपीठ ने कहा कि यूएपीए की धारा 43 (डी)(5) के तहत गंभीर आतंकी मामलों में जमानत तभी दी जा सकती है जब आरोप प्रारंभिक रूप से असत्य प्रतीत हों। अदालत ने पाया कि जांच में मिले साक्ष्य और गवाहों के बयान स्पष्ट रूप से आरोपी की भूमिका को दर्शाते हैं।

17 नवंबर 2023 का हमला

विधानसभा चुनाव के मतदान के बाद जब सुरक्षाबल और पोलिंग दल लौट रहे थे, तभी बड़ेगोबरा क्षेत्र में आइईडी ब्लास्ट हुआ। धमाके में जवान जोगेंद्र कुमार गंभीर रूप से घायल हुए और बाद में उनकी मौत हो गई। जांच में सामने आया कि यह हमला प्रतिबंधित संगठन सीपीआई (माओवादी) द्वारा किया गया था।

एनआईए की जांच में खुलासा हुआ कि रामस्वरूप मरकाम, जो उस समय छोटेगोबरा गांव के सरपंच थे, ने माओवादियों को लॉजिस्टिक और आर्थिक सहायता दी थी और उनकी कई बैठकों में भाग लिया था। आठ गवाहों ने धारा 164 सीआरपीसी के तहत दिए गए बयानों में उनकी माओवादी गतिविधियों से संलिप्तता की पुष्टि की।

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