

बलरामपुर/राजपुर। शासकीय महाविद्यालय राजपुर में आज दिनांक 3 दिसंबर 2025 को महाविद्यालयीन यूथ रेड क्रॉस इकाई द्वारा अंतरराष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस के अवसर पर जागरूकता कार्यक्रम का सफल आयोजन किया गया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों में दिव्यांगजनों के अधिकार, सम्मान, समानता और सहभागिता के प्रति संवेदनशीलता विकसित करना था।
कार्यक्रम में रेड क्रॉस प्रभारी मनीष कुमार यादव ने विद्यार्थियों को दिव्यांग दिवस के महत्व तथा दिव्यांगजनों की समाज में भूमिका पर विस्तार से जानकारी प्रदान की। उन्होंने कहा कि “दिव्यांगता शरीर में होती है, सपनों में नहीं”। इसे सिद्ध करने हेतु उन्होंने विश्व और भारत के अनेक प्रेरक व्यक्तित्वों का उल्लेख किया, जिनमें प्रमुख हैं—विश्वविख्यात वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग, भारत की पहली दृष्टिबाधित IAS प्रांजल पाटिल, पहली दिव्यांग महिला एवरेस्ट विजेता, भक्त कवि सूरदास, महान संगीतकार रविन्द्र जैन, महर्षि अष्टावक्र, पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी गिरीश शर्मा, तथा भारतीय ब्लाइंड क्रिकेट टीम के कप्तान शेखर नाइक। उन्होंने बताया कि ये सभी उदाहरण दर्शाते हैं कि किसी व्यक्ति की क्षमता उसके शारीरिक अंगों पर नहीं, बल्कि मन, आत्मबल और रचनात्मकता पर निर्भर करती है।
इसके साथ ही विद्यार्थियों को RPwD एक्ट 2016 के तहत दिव्यांगता की 21 श्रेणियों की जानकारी दी गई तथा दिव्यांगजनों की सहायता के तीन प्रमुख सिद्धातों संवेदनशीलता, सहयोग और समावेश—को विस्तार से समझाया गया।
महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. जीतन राम पैकरा ने अपने उद्बोधन में कहा कि विद्यार्थियों का दायित्व है कि वे दिव्यांगजनों के अधिकारों और मानवीय मूल्यों का सम्मान करें। उन्होंने दिव्यांगता के जन्मजात तथा परिस्थितिजन्य कारणों पर भी प्रकाश डाला और विद्यार्थियों को समावेशी समाज के निर्माण में सहयोग की प्रेरणा दी।
कार्यक्रम में महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापकगण एवं बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। जागरूकता कार्यक्रम ने विद्यार्थियों में दिव्यांगजनों के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।




















