रायपुर: प्रदेश के बच्चों और गर्भवती एवं शिशुवती माताओं के पोषण, शिक्षा व स्वास्थ्य को  लेकर सरकार सतत कार्य कर रही है। इसी दिशा में मुख्यमंत्री  विष्णुदेव साय ने एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए जशपुर जिले में 56 करोड़ से भी अधिक की लागत से 484 नए आंगनबाड़ी भवनों के निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गई है। प्रत्येक आंगनबाड़ी भवन पर 11 लाख 69 हजार रुपए खर्च किए जाएंगे।  करोड़ों रुपए की राशि से बनने वाली आंगनबाड़ी भवन से जिले में आंगनबाड़ी सेवाओं के सुदृढ़ीकरण और विस्तार को  गति मिलेगी। इससे न केवल बच्चों और माताओं को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी बल्कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी एक स्थायी और सुसज्जित कार्यस्थल प्राप्त होगा।


आंगनबाड़ी स्थायी भवन की ओर

अब तक अधिकांश आंगनबाड़ी केंद्र भवन जर्जर हालत में या किराए के मकानों में संचालित होते थे। ऐसे स्थानों में न तो बच्चों को बैठने की समुचित सुविधा मिलती थी और न ही साफ-सफाई का पर्याप्त वातावरण। लेकिन नए भवन बनने के बाद बच्चों को स्वच्छ, सुरक्षित और अनुकूल वातावरण उपलब्ध होगा, जिससे उनकी शिक्षा और पोषण संबंधी गतिविधियाँ व्यवस्थित ढंग से संचालित होंगी।

बच्चों और माताओं के लिए एक संपूर्ण केंद्र

नए आंगनबाड़ी भवन सिर्फ पूर्व प्राथमिक शिक्षा या पोषण आहार वितरण का स्थान नहीं होंगा, बल्कि ये ग्रामीण समाज में पोषण, शिक्षा, स्वास्थ्य और जागरूकता का केंद्र बनेगा। इन भवनों में बच्चों को पौष्टिक आहार, खेल-खेल में सीखने की व्यवस्था, नियमित स्वास्थ्य जांच, गर्भवती ओर शिशुवती माताओं के लिए पोषण व स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता कार्यक्रम जैसी सेवाएं उपलब्ध होंगी। इन केन्द्रों के माध्यम से  जिले में कुपोषण को कम करने और शिक्षा के स्तर को ऊँचा उठाने में मदद मिलेगी।


मुख्यमंत्री  विष्णुदेव साय का संकल्प अब कोई भी बच्चा शिक्षा से नहीं होगा वंचित

मुख्यमंत्री  विष्णुदेव साय ने कहा का संकल्प है कि प्रदेश का कोई भी बच्चा अब कुपोषण और शिक्षा से वंचित नहीं रहेगा। सरकार हर बच्चे और हर माता को स्वस्थ, शिक्षित और सशक्त बनाने के लिए ठोस कदम उठा रही है। नए आंगनबाड़ी केन्द्रों के द्वारा उपलब्ध कराई जा रही पूर्व प्राथमिक शिक्षा आने वाली पीढ़ी के जीवन स्तर को बेहतर बनाएंगे और प्रदेश में पोषण क्रांति की नींव मजबूत करेंगे।
ग्रामीणों की खुशी और सीएम साय के प्रति आभार

ग्रामीण अंचलों के लोगों ने इस नए आंगनबाड़ी भवन के निर्माण की स्वीकृति का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया। उनका कहना है कि यह पहल आने वाली पीढ़ी के भविष्य को उज्ज्वल बनाने वाली साबित होगी। अब बच्चे आंगनबाड़ी भवन के अस्थायी कमरों में नहीं, बल्कि सुसज्जित भवनों में शिक्षा और पोषण प्राप्त करेंगे।

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