
बलरामपुर। बलरामपुर जिले के राजपुर थाना के बरियों चौकी अंतर्गत एक पहाड़ी कोरवा आदिवासी ग्रामीण से धोखाधड़ी व कूटरचना कर उसकी जमीन रजिस्ट्री कराने और प्रताड़ना के चलते आत्महत्या के लिए मजबूर करने के मामले में पुलिस ने फरार चल रहे एक और आरोपी को झारखंड से गिरफ्तार कर जेल भेजा। इस प्रकरण में पहले ही दो आरोपी दिलीप तिग्गा और पिन्टू उर्फ चतुर्गुण यादव को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेजा जा चुका है।
जानकारी के अनुसार भईरा राम, उम्र 65 वर्ष, निवासी ग्राम भेस्की, जाति पहाड़ी कोरवा ने 22 अप्रैल 2025 को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। मृतक की पत्नी जुवारो बाई को आरोपी पक्ष द्वारा चुपचाप तहसील ले जाकर ग्राम नवकी निवासी शिवाराम नगेशिया के नाम पर भूमि रजिस्ट्री करवा दी गई थी। सुनियोजित एवं संचित षड्यंत्र में आरोपीगण मृतक को लगातार धमकाते रहे कि उसकी जमीन अब उनकी हो चुकी है और उसे गांव से भाग जाने को कहा गया। लगातार धमकियों व मानसिक प्रताड़ना के चलते मृतक ने आत्महत्या कर ली।
पुलिस अधीक्षक वैभव बैंकर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विश्व दीपक त्रिपाठी के मार्गदर्शन में पुलिस ने आरोपी सुदामा उर्फ बाबूलाल श्रीवास्तव पिता मोहित लाल श्रीवास्तव (46वर्ष), निवासी बरियों (मंदिरपारा), थाना राजपुर को गिरफ्तार किया। आरोपी गिरफ्तारी से बचने झारखंड के ग्राम सहजनवा, थाना पाकी, जिला पलामू में छिपा हुआ था, जहां से पुलिस टीम ने उसे धर दबोचा। प्रकरण में अपराध क्रमांक 103/2025 के तहत धारा 108, 3(5) भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) तथा धारा 3(2)(5) एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम के अंतर्गत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना जारी है। पुलिस ने आरोपी सुदामा श्रीवास्तव को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेजा। पुलिस प्रकरण में फरार चल अन्य आरोपी विनोद अग्रवाल , प्रवीण अग्रवाल , राजेंद्र मिंज, राजू उर्फ धरमपाल कौशिक के गिरफ्तारी हेतु तलाश में जुटी हुई है।