नई दिल्ली। PM Kisan 21वीं किस्त को लेकर देशभर के 12 करोड़ किसानों की धड़कनें तेज हैं। हर कोई यही जानना चाहता है कि क्या इस बार उनके खाते में 2,000 रुपये समय पर आएंगे या फिर सरकार की सख्ती से उनका नाम लिस्ट से कट जाएगा।

दरअसल, सरकार ने इस बार किस्त जारी करने से पहले ‘ऑपरेशन क्लीन’ शुरू किया है। कृषि मंत्रालय ने जांच में पाया है कि करीब 29 लाख लाभार्थियों के मामलों में पति-पत्नी दोनों को योजना का लाभ मिल रहा है, जबकि नियम के अनुसार सिर्फ एक व्यक्ति को ही किस्त मिल सकती है। अब राज्यों और जिलों के अधिकारी हर केस की बारीकी से जांच कर रहे हैं।

कुछ राज्यों—जैसे पंजाब, हिमाचल, जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड—के किसानों को 21वीं किस्त पहले ही मिल चुकी है। बाकी राज्यों के किसानों को फिलहाल इंतजार करना होगा। मंत्रालय के अनुसार, पात्रता की पुष्टि के बाद ही बाकी किसानों को पैसा मिलेगा।

यह स्थिति 2022 की याद दिलाती है, जब 1.72 करोड़ फर्जी लाभार्थियों के नाम हटाए गए थे, जिससे सरकार को अरबों रुपये की बचत हुई थी। इस बार जांच का दायरा और भी बड़ा है।

सरकार अब किसानों के जमीन के रिकॉर्ड, बैंक खाते, आधार लिंकिंग और परिवार में एक लाभार्थी की शर्तों की जांच कर रही है। जिन किसानों की जमीन किसी और के नाम पर है, या जो सरकारी नौकरी करते हैं, या जिनकी सालाना आय ₹2 लाख से अधिक है, वे योजना से बाहर हो सकते हैं।

अगली किस्त 5 से 10 नवंबर के बीच आने की उम्मीद है, लेकिन केवल पात्र किसानों के खातों में ही ₹2,000 रुपये ट्रांसफर होंगे। इसलिए किसान pmkisan.gov.in पर जाकर ‘Beneficiary Status’ चेक कर लें और अगर कोई त्रुटि हो तो तुरंत e-KYC करवा लें।

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