पटना: बिहार में विधानसभा चुनाव संपन्न हो गए हैं। यहां एनडीए ने पूर्ण बहुमत हासिल कर ली है। इसमें बीजेपी को सबसे ज्यादा 89 सीटें जबकि जदयू को 85 सीटें मिली हैं। दूसरी तरफ महागठबंधन को हार का सामना करना पड़ा है। महागठबंधन में शामिल कांग्रेस पार्टी महज 6 सीटों पर ही सिमट कर रह गई है। पार्टी की इस हार के बाद कांग्रेस के ही नेताओं की ओर से तमाम बयान सामने आ रहे हैं, जिसमें पार्टी में आत्ममंथन की बात कही जा रही है।

थरूर का छलका दर्द

तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर ने कहा कि उन्हें बिहार चुनाव में प्रचार के लिए आमंत्रित नहीं किया गया था। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस अपनी हार के कारणों की जांच करेगी। बिहार चुनाव के नतीजों के बाद थरूर ने कहा कि पार्टी की जिम्मेदारी है कि वह इस हार के कारणों का विस्तार से अध्ययन करे। उन्होंने कहा, ‘‘याद रखें, हम गठबंधन में वरिष्ठ सहयोगी नहीं थे और राजद को भी अपने प्रदर्शन पर ध्यान देना होगा।’’

बिहार चुनाव के नतीजों के बाद थरूर ने अपना दर्द जाहिर करते हुए कहा, ‘‘मैं वहां नहीं था और मुझे बिहार में प्रचार के लिए आमंत्रित नहीं किया गया था। इसलिए मैं अपने निजी अनुभव से ज्यादा कुछ नहीं कह सकता। जो लोग वहां थे, वे निश्चित रूप से नतीजों का अध्ययन करेंगे।’’ थरूर ने कहा कि बिहार जैसे जनादेश में, पार्टी के समग्र प्रदर्शन की जांच करना महत्वपूर्ण है।

कब तक इंतजार करें कार्यकर्ता

इसके अलावा कांग्रेस नेता मुमताज पटेल ने भी सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर पार्टी की हार को लेकर कड़ी आलोचना की। उन्होंने एक्स पर लिखा, “कोई बहाना नहीं, कोई आरोप-प्रत्यारोप नहीं, कोई आत्मनिरीक्षण नहीं, यह अपने भीतर देखने और वास्तविकता को स्वीकार करने का समय है। कब तक अनगिनत निष्ठावान जमीनी कार्यकर्ता, जो सुख-दुख में पार्टी के साथ रहे हैं…सफलता देखने का इंतजार करेंगे…बल्कि सत्ता कुछ ऐसे लोगों के हाथों में केंद्रित होने के कारण असफलताएं मिल रही हैं।”

शकील अहमद ने दी सलाह

वहीं कांग्रेस की कमियों को लेकर बिहार के पूर्व मंत्री शकील अहमद ने भी खुलकर बयान दिया। उन्होंने कहा, “मैं कांग्रेस में नहीं हूं। मुझे बोलने का कोई अधिकार नहीं है, लेकिन टिकट बंटवारे के तुरंत बाद कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कहा कि फलां ने गलत कारणों से टिकट बांटे हैं, वित्तीय अनियमितता और अन्य मुद्दों का आरोप लगाया है। हमें उम्मीद है कि जांच होगी और अगर आरोप सही हैं और अन्य कारणों से टिकट दिए गए हैं, तो जाहिर तौर पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।”

सिर्फ छह सीटों पर मिली जीत

बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 61 सीटों पर चुनाव लड़ा और केवल छह सीट ही जीत सकी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार कुटुम्बा सीट से हार गए, विधायक दल के नेता शकील अहमद खान को कदवा सीट पर जद (यू) उम्मीदवार दुलाल चंद्र गोस्वामी ने 18,368 मतों के अंतर से हराया। कांग्रेस के जो छह उम्मीदवार जीते उनमें सुरेंद्र प्रसाद (वाल्मीकि नगर), अभिषेक रंजन (चनपटिया), मनोज विश्वास (फॉर्ब्सगंज), अबिदुर रहमान (अररिया), मोहम्मद कमरूल होदा (किशनगंज) और मनोहर प्रसाद सिंह (मनिहारी) शामिल हैं।

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