

बलरामपुर/राजपुर।छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले का ग्राम पंचायत धंधापुर में एक ऐसी जमीन है जो पौधे लगाने के लिए भ्रष्टाचार का काम करती है या यूं कहें यह जमीन भ्रष्टाचार के लिए पौधशाला बन गई है। एक ही जमीन पर पिछले कुछ सालों के भीतर पांच बार अलग-अलग विभागों ने पौधे लगाए हैं और अब यहां पौधे नहीं है। इस पर विभागों ने अब तक करोड़ों रुपए खर्च कर दिए हैं लेकिन एक बार फिर इसी जमीन पर उद्यान विभाग के अधिकारियों के द्वारा करीब 20 लाख रुपए खर्च कर पौधे लगाने की तैयारी शुरू कर दी गई है और इसमें भी बड़ा भ्रष्टाचार होने वाला है, भ्रष्टाचार की पूरी स्क्रिप्ट लिखी जा चुकी है।

राजपुर जनपद क्षेत्र में आने वाली ग्राम पंचायत धंधापुर के डुमरपारा में स्थित है सरकारी जमीन का एक बड़ा प्लांट और हर विभाग की नजर में यह प्लांट हमेशा रहता है क्योंकि पौधरोपण कर भ्रष्टाचार करने में यहां आसानी होती है लेकिन चलिए आपको बता देता हूं कि इस जमीन पर कब-कब भ्रष्टाचार पौधरोपण के नाम पर किया गया है, तो सबसे पहले यहां पर रतनजोत के पौधे लगाकर भ्रष्टाचार किया गया, उस दौर में 25 लाख से अधिक रुपए खर्च किए गए इसके बाद कुछ ही महीना बाद रतनजोत के सारे पौधे खत्म हो गए क्योंकि देखरेख किसी ने नहीं किया। इसके बाद इसी जमीन पर रेशम विभाग के द्वारा एक एनजीओ के माध्यम से अर्जुन यानी स्थानीय भाषा में कहुआ के पौधे लगाए गए। इन पौधों को लगाने में भी बड़ा खेल हुआ और एनजीओ ने विभाग के अधिकारियों से मिली भगत कर लाखों रुपए हड़प लिए लेकिन यहां पौधे नहीं बचे क्योंकि जिम्मेदारों की नियत ही नहीं रहती कि यहां पर लगाए पौधों को सही सलामत रखा जाए।

इसके बाद यहां भूपेश बघेल सरकार के दौरान गोठान का निर्माण किया गया तब भी चारागाह विकसित करने लाखों रुपए के पौधे और इस पूरे प्लाट को फेंसिंग से सुरक्षित किया गया ताकि पौधों को सुरक्षित रखा जा सके लेकिन हैरानी की बात तो यह है कि अब न तो यहां फेंसिंग के तार हैं और ना ही पौधे।
सबसे बड़ी बात है कि सभी विभागों ने पौध लगाने के साथ ही उनकी देखरेख के नाम पर भी खूब खेल किया लाखों रुपए देख रही एक सिंचाई की व्यवस्था विकसित करने के नाम पर भी गड़बड़ी की गई बोरवेल खनन कराया गया महिला समूह का साथ लिया गया लेकिन नियत सही नहीं होने के कारण अब तक इस जमीन पर एक करोड रुपए से अधिक के पौधे लगा चुके हैं लेकिन अब भी यह पूरा प्लाट मैदान की तरह है।
यह तो हुई पहले हुए भ्रष्टाचार की लेकिन अब उद्यान विभाग के अधिकारियों ने यहां भ्रष्टाचार करने का स्क्रिप्ट तैयार किया है और पूरी स्क्रिप्ट डीएमएफ यानी गौड़ खनिज मद और रोजगार गारंटी योजना के रुपए में बंदरबाँट करने के लिए तैयार किया गया है। उद्यान विभाग करीब यहां 4 एकड़ में 1100 से अधिक पौधे लगाने की तैयारी में है इसके लिए अभी गड्ढे खोदे जा रहे हैं और उसके बाद हर गड्ढे में दो-दो किलो खाद डालकर पौधों का रोपण किया जाएगा इतना ही नहीं 3 सालों तक इसकी देखरेख भी उसी तरीके से की जाएगी जैसे पहले के योजनाओं में इस धरती पर किया गया वहीं दूसरी तरफ यह सब कुछ रोजगार गारंटी योजना के तहत होगा तो इस पूरे कर को फेंसिंग भी किया जाएगा और इसमें भी करीब 12 लाख से अधिक रुपए खर्च होंगे जबकि इस परिसर को पहले भी लाखों रुपए खर्च कर फेंसिंग किया गया था जो अब यहां अस्तित्व में दिखाई नहीं देता है फेंसिंग का काम गौड़ खनिज मद के तहत किया जाएगा।
अब फेंसिंग के काम में भी ग्राम पंचायत को एजेंसी बनाने की तैयारी है ताकि बड़े अधिकारी गड़बड़ी होने पर बचकर निकल सके वहीं दूसरी तरफ पंचायत में बैठे लोग भी इस इंतजार में है कि फेंसिंग का काम उन्हें मिले और इसमें भी वह खूब गड़बड़ी कर सके अपना जेब भर सके।
घोटालेबाज अधिकारी इस पूरे प्लान को बड़े ही शातिराना ढंग से अंदाज देने वाले हैं, पौधारोपण के इस कार्यक्रम में पहले दिन विधायक सांसदों और मंत्रियों के अलावा बड़े अफसर को बुलाने की तैयारी में है ताकि ताम झाम के साथ उन्हें भी खुश कर सके और अगर शिकायत हो तो अपने भ्रष्टाचार से अर्जित रुपए के कुछ हिस्से देकर उन्हें भी खुश कर सकें, बहरहाल अब देखने वाली बात है होगी कि करप्शन के इस जमीन में कब तक इसी तरीके से भ्रष्टाचार का पौधशाला तैयार होता रहेगा। क्या इस बार डीएमएफ में भी यहाँ पंचायत को एजेंसी बनाकर गोलमाल किया जायेगा।





















