बिलासपुर। एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) बिलासपुर की टीम ने  दो अलग-अलग मामलों में बड़ी कार्रवाई करते हुए कोरबा और जांजगीर जिलों में दो लोकसेवकों को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। दोनों मामलों में आरोपियों द्वारा जनता से घूस की मांग की गई थी, जिसे देने से मना करते हुए शिकायतकर्ताओं ने एसीबी में मामला दर्ज कराया था।

पत्नी का ट्रांसफर रुकवाने के लिए शिक्षक ने मांगे दो लाख

कोरबा निवासी रामायण पटेल ने शिकायत की थी कि वह प्राथमिक शाला कोसलडी में प्रधानपाठक हैं और उनकी पत्नी गरिमा चौहान भी शिक्षक हैं। कोरबा के बेलतला में माध्यमिक शाला में पदस्थ शिक्षक विनोद कुमार सांडे, जो बेसिक फेडरेशन कोरबा के जिला अध्यक्ष भी हैं, ने कहा कि उनकी पत्नी का ट्रांसफर बहुत दूर हो रहा है और डीईओ व बीईओ से उनके अच्छे संबंध हैं। ट्रांसफर रुकवाने के बदले उन्होंने 2,00,000 की रिश्वत मांगी। जिसकी शिकायत की पुष्टि के बाद एसीबी ने ट्रैप बिछाया और 17 जुलाई को शिक्षक विनोद कुमार सांडे को ₹2,00,000 रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। आरोपी पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7 के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है।

जमीन से नाम हटाने के बदले पटवारी ने मांगे बीस हजार

दूसरा मामला जांजगीर जिले का है। यहां सत्येन्द्र कुमार राठौर ने शिकायत दर्ज कराई कि गांव पुटपुरा में उनके नाम जमीन है जिसमें उनकी दो बुआओं ने हक त्याग किया था। ऋण पुस्तिका से उनके नाम हटाने के लिए पटवारी बालमुकुंद राठौर द्वारा ₹20,000 की रिश्वत की मांग की जा रही थी।एसीबी ने सत्यापन के बाद 17 जुलाई को कार्रवाई करते हुए पटवारी बालमुकुंद राठौर को 20,000 लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा। उसके खिलाफ भी भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत केस दर्ज कर विधिवत कार्रवाई की जा रही है।

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