CG News: पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का अंबिकापुर में कोई संगठन का कार्यक्रम कल भले नहीं था लेकिन बिना किसी संगठन के कार्यक्रम के ही भूपेश बघेल ने टीएस सिंहदेव के गढ़ में सेंध लगाने की बड़ी कोशिश की है. तो वहीं तमाम गुटबाजी के बीच कांग्रेस के युवा नेता दानिश रफीक ने अपने घर पर नाश्ता के नाम पर भूपेश बघेल को बुलाकर एक बड़ा संदेश दिया है.

क्या TS बाबा के गढ़ में भूपेश बघेल लगा रहे सेंध
वहां जो तस्वीर दिखाई दी, उससे साफ हो गया कि भूपेश बघेल का यह दौरा भले ही पारिवारिक और सामाजिक रहा हो लेकिन इसके मायने कुछ अलग ही थे, भूपेश बघेल को भी पता था कि अंबिकापुर में कांग्रेस जिला अध्यक्ष सिंहदेव गुट के हैं और अंबिकापुर में उनके लिए संगठन का सफलतापूर्वक कार्यक्रम आयोजित करना गुटबाजी के दौर में संभव नहीं होगा.

माना जा रहा है कि यही वजह रहा की दानिश के घर पहले से ही प्लान के मुताबिक सैकड़ों की संख्या में कार्यकर्ता और पार्टी के कई नेता भूपेश बघेल की आगमन पूर्व ही मौजूद थे. जहां कार्यकर्ताओं ने भूपेश बघेल से मुलाकात की, अपनी बात रखी और दुख दर्द सुनाया, भूपेश बघेल सिर्फ उनकी बात सुन रहे थे और समझने की कोशिश कर रहे थे कि इन कार्यकर्ताओं को कैसे साधकर रखा जाए. करीब घंटे भर से अधिक मुलाकात और चर्चा के बाद भूपेश बघेल अंबिकापुर से सूरजपुर के लिए निकले तब सैकड़ों की संख्या में वाहनों का काफिला एक बार फिर एहसास कर रहा था की भले ही कांग्रेस संगठन के नेता भूपेश बघेल के आगमन पर उनसे मुलाकात करने के लिए नहीं पहुंचे हैं लेकिन भूपेश बघेल के स्वागत सत्कार वाले रौब में कोई कमी नहीं है.

गुटबाजी के बीच सरगुजा में किसका बढ़ा कद?
कुल मिलाकर भूपेश बघेल का यह दौरा अंबिकापुर में जहां एक तरफ TS सिंह देव और भूपेश बघेल के अलग-अलग गुट को प्रदर्शित कर रहा था, तो दूसरी तरफ कांग्रेस जिला अध्यक्ष बालकृष्ण पाठक और कांग्रेस जिला अध्यक्ष के दावेदार रहे दानिश रफीक की दमदारी दिख रहा था. जब बालकृष्ण पाठक जहां भूपेश बघेल से मिलने की बात पर बिना बुलावे नहीं जाने की बात कर रहे थे तो दूसरी तरफ दानिश रफीक सैकड़ो कांग्रेस कार्यकर्ताओं को भूपेश बघेल से मुलाकात करवा रहे थे, सैकड़ों कार्यकर्ता दानिश के घर कम जगह होने के कारण बाहर लंबी लाइन लगाकर मुलाकात का इंतजार कर रहे थे तो अमरजीत भगत भूपेश बघेल से मिलने के लिए आने वाले कार्यकर्ताओं को मुलाकात के लिए आगे बढ़ा रहे थे.

दूसरी तरफ भूपेश बघेल ने टीएस बाबा गुट के शफी अहमद के घर पहुंच कर चर्चा का माहौल और भी गर्म कर दिया हालांकि पिछले दिनों शफी अहमद की पुत्री की शादी हुई थी जिसमें भूपेश बघेल शामिल नहीं हो पाए थे. इस वजह भी भूपेश उनके घर मिलने पहुंचे थे लेकिन जिस तरीके से भूपेश बघेल का पूरा दौरा अंबिकापुर में हुआ और जो हालात बने, उससे साफ जाहिर हो गया है कि कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं को आगामी विधानसभा चुनाव को जीतने के लिए अपने दिमाग में बैठे जाले को साफ करने की जरूरत है, वरना जैसा कि अमरजीत भगत ने कह ही दिया है कि अगर एकजुट नहीं रहे तो भारतीय जनता पार्टी को चुनाव हरा पाना मुश्किल होगा. मतलब नहीं सुधरे तो फिर भूपेश बघेल हो या फिर सिंहदेव विपक्ष में ही रहेंगे. हालांकि कुछ विपक्ष में भी मौज में हैं, खुश हैं, जो संगठन के लिए ठीक नहीं है.

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