

बेंगलुरु : की एक अदालत ने सोमवार को एक अहम फैसला सुनाते हुए जेडी (एस) के विधायक और पूर्व मंत्री एचडी रेवन्ना को कथित यौन उत्पीड़न मामले में बरी कर दिया। यह फैसला न्यायाधीश केएन शिवकुमार ने सुनाया, जिसमें आईपीसी की धारा 354ए के तहत दर्ज मामला खारिज कर रेवन्ना को निर्दोष घोषित किया गया। एचडी रेवन्ना यौन उत्पीड़न मामला लंबे समय से राजनीतिक और कानूनी चर्चा का विषय बना हुआ था।
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि शिकायत दर्ज कराने में काफी देरी हुई थी और इसी आधार पर अभियोजन पक्ष का मामला कमजोर हो गया। न्यायालय ने माना कि देरी के ठोस कारण सामने नहीं आए, इसलिए आरोपी को संदेह का लाभ दिया जाना उचित है। इससे पहले उच्च न्यायालय ने आईपीसी की धारा 354 के तहत लगे आरोप को रद्द कर दिया था, जिसके बाद रेवन्ना ने धारा 354ए से भी बरी किए जाने की मांग की थी।
यह मामला हसन जिले के होलेनारसिपुर टाउन पुलिस स्टेशन में दर्ज एक घरेलू सहायिका की शिकायत से जुड़ा था, जिसमें अप्रैल 2024 में एचडी रेवन्ना पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए गए थे। शिकायत के आधार पर उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 354 और 354ए के तहत केस दर्ज किया गया था। इसी मामले में उन्हें पहले गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भी भेजा गया था।
एचडी रेवन्ना, पूर्व प्रधानमंत्री और राज्यसभा सांसद एचडी देवेगौड़ा के बेटे हैं और पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना के पिता भी हैं। गौरतलब है कि प्रज्वल रेवन्ना को बलात्कार और यौन वीडियो कांड में दोषी ठहराया जा चुका है और उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है।
हालांकि, एचडी रेवन्ना यौन उत्पीड़न मामला में दोनों धाराएं हटाए जाने के बाद वह इस केस में पूरी तरह बरी हो चुके हैं। यह फैसला कर्नाटक की राजनीति में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम के रूप में देखा जा रहा है और आने वाले समय में इसके राजनीतिक असर भी देखने को मिल सकते हैं।






















