नई दिल्ली। बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार गिराए जाने के बाद से ही अल्पसंख्यकों पर हमले लगातार बढ़ गए हैं। ह्यूमन राइट्स कांग्रेस फॉर बांग्लादेश माइनॉरिटिज (HRCBM) की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि इस साल जून से दिसंबर कर बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ ईशनिंदा के आरोपों से जुड़ी कम से कम 71 घटनाएं सामने आई हैं।

मुस्लिम बहुल देश के पीरोजपुर जिले के डुमरीताला गांव में एक हिंदू परिवार के कम से कम पांच घरों को आग लगा दी गई, जिसे अल्पसंख्यकों पर एक टारगेटेड हमला माना जा रहा है।स्थानीय अधिरकारियों के अनुसार, आग लगने का सही कारण अभी तक पता नहीं चला है। रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि हमलावरों ने कथित तौर पर एक कमरे में कपड़ा भरकर आग लगा दी, जिससे आग तेजी से पूरे घर में फैल गई।

आग लगने के बाद डरा हुआ है साहू परिवार

NDTV के मुताबिक, ढाका में साहू परिवार अभी भी डरा हुआ है। उन्होंने कैमरे के सामने आने से मना कर दिया और कहा कि उन्हें नहीं पता कि आग कैसे लग गई, पुलिस मामले की जांच कर रही है। परिवार के सदस्यों ने बताया कि जब वे सुबह-सुबह आग लगने पर जागे, तो वे शुरू में अंदर फंस गए थे, क्योंकि दरवाजे बाहर से बंद थे।प्रभावित परिवारों के सभी आठ सदस्य बांस की बाड़ काटकर भागने में कामयाब रहे। हालांकि उ घर का पूरा सामान जलकर खाक हो गया और उनके पालतू जानवर भी मारे गए। यह घटना जिस जगह हुई वह राजधानी ढाका से लगभग 240 किमी दूर है।

पुलिस ने 5 संदिग्धों को किया गिरफ्तार

पीरोजपुर के पुलिस अधीक्षक मोहम्मद मंजूर अहमद सिद्दीकी ने आग लगने वाली जगह का दौरा किया और शिकायतकर्ताओं को आश्वासन दिया कि घटना की तुरंत जांच की जाएगी। स्थानीय पुलिस ने पांच संदिग्धों को गिरफ्तार किया है, जबकि जांच जारी रहने के साथ बाकी आरोपियों को पकड़ने के प्रयास जारी हैं।घटना का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें स्थानीय लोग कई घरों में फैली भीषण आग को बुझाने की कोशिश करते दिख रहे हैं।

जून से दिसंबर तक हिंदू अल्पसंख्यकों पर 71 हमले- रिपोर्ट
ह्यूमन राइट्स कांग्रेस फॉर बांग्लादेश माइनॉरिटीज (HRCBM) ने एक रिपोर्ट में बताया कि इस साल जून से दिसंबर तक बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ ईशनिंदा के आरोपों से जुड़ी कम से कम 71 घटनाएं सामने आईं।HRCBM ने चांदपुर, चट्टोग्राम, दिनाजपुर, लालमोनिरहाट, सुनामगंज, खुलना, कोमिला, गाजीपुर, टांगेल और सिलहट सहित 30 से ज्यादा जिलों के मामलों को डॉक्यूमेंट किया है।HRCBM ने कहा कि इन मामलों का फैलाव और समानता यह दिखाता है कि ये अलग-थलग घटनाएं नहीं हैं, बल्कि धार्मिक आरोपों के प्रति अल्पसंख्यकों की सिस्टमैटिक कमजोरी है। रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश में ईशनिंदा के आरोपों के कारण अक्सर पुलिस कार्रवाई, भीड़ हिंसा और सजा होती है।

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