

बलरामपुर। बलरामपुर जिले के थाना सनावल क्षेत्र अंतर्गत ग्राम त्रिशूली एवं मदरू टोला के पास मारपीट, वाहन में तोड़फोड़,महिला से लूट व छेड़खानी के मामले में पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा।
जानकारी के अनुसार, दिनांक 23 दिसंबर 2025 को शाम करीब 6 से 7 बजे के बीच पीड़िता एवं उसके साथ मौजूद अन्य लोग ग्राम त्रिशूली में सत्यनारायण सिंह के यहां आयोजित छठी कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे थे। इसी दौरान मदरू टोला के पास आरोपी कृष्णा यादव, रवि यादव, पवन यादव एवं दिनेश यादव एक ही मोटरसाइकिल से आकर वाहन रोकने का प्रयास करने लगे। जब चालक ने वाहन नहीं रोका तो आरोपी पीछे-पीछे आए और कुछ दूरी पर वाहन रुकवाकर चालक के साथ गाली-गलौज व मारपीट की।
पीड़िता एवं अन्य लोगों द्वारा विरोध करने पर आरोपियों ने जान से मारने की धमकी दी तथा रंजू सिंह के गले से सोने की चैन छीन ली। इसके साथ ही पीड़िता के साथ छेड़खानी भी की गई। घटना की सूचना मिलने पर जब नीरज सिंह एवं उज्ज्वल वाहन क्रमांक JH01EJ 8492 से मौके पर पहुंचे तो आरोपियों ने उनके साथ भी मारपीट की, गाली-गलौज की और वाहन में तोड़फोड़ कर चाबी निकाल ली।इसके बाद सूचना पर अशोक सिंह एवं सूर्यप्रताप सिंह भी मौके पर पहुंचे, जिनके साथ भी आरोपियों ने लाठी-डंडा एवं पंच से मारपीट की।
घटना को लेकर पीड़िता की रिपोर्ट पर थाना सनावल में अपराध क्रमांक 81/2025 धारा 256,351(2),115(2),324(5),126(2),75,304(2),3,5 BNS के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना प्रारंभ की गई।विवेचना के दौरान पुलिस ने घटना स्थल का निरीक्षण किया तथा गवाहों के कथन लिए। साक्ष्यों के आधार पर आरोपियों कृष्णा यादव पिता दयाशंकर यादव, रवि यादव पिता जयलाल यादव एवं दिनेश यादव पिता अशर्फी यादव को हिरासत में लेकर कड़ाई से पूछताछ की गई, जिसमें उन्होंने अपराध स्वीकार किया। आरोपियों की निशानदेही पर घटना में प्रयुक्त एक बांस का डंडा भी बरामद किया गया। लूटी गई सोने की चैन के संबंध में आरोपियों ने बताया कि झूमा-झपटी के दौरान वह गिर गई, लेकिन अंधेरा होने के कारण उसका पता नहीं चल सका।पर्याप्त साक्ष्य पाए जाने पर तीनों आरोपियों को दिनांक 24 दिसंबर 2025 को विधिवत गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेजा गया।
संपूर्ण कार्रवाई में थाना प्रभारी निरीक्षक बृजलाल भारद्वाज के नेतृत्व में सउनि कपिल साय, प्रधान आरक्षक 61 राजेश तिकी, आरक्षक 766 अमरित सोनवानी एवं आरक्षक 257 प्रमेलाल कुजूर की सक्रिय भूमिका रही।






















