

बलरामपुर। छत्तीसगढ़ युवा कांग्रेस के प्रदेश सचिव नीरज तिवारी ने प्रेस नोट जारी कर कल राजपुर तहसील कार्यालय के पास हुई सड़क दुर्घटना में युवक की मौत को अत्यंत दुखद और अस्वीकार्य बताया है। उन्होंने कहा कि खराब सड़क निर्माण और निविदा जारी होने के छह माह बाद भी नवनिर्माण कार्य में हो रही अत्यधिक देरी के कारण आए दिन सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं, जो लोगों की मौत का कारण बन रही हैं।
नीरज तिवारी ने कहा कि सड़क पर जगह-जगह बने गड्ढों और उड़ती धूल के कारण आम लोगों का आवागमन बेहद कठिन हो गया है। तहसील क्षेत्र के आसपास बने बड़े-बड़े जानलेवा गड्ढों की वजह से कल एक निर्दोष युवक की मृत्यु हो गई। यह घटना केवल एक हादसा नहीं, बल्कि संबंधित विभागों और ठेकेदारों की गंभीर लापरवाही का परिणाम है।
उन्होंने मृतक के परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि इस कठिन समय में संगठन पीड़ित परिवार के साथ खड़ा है। साथ ही उन्होंने मांग की कि प्रशासन दोषी अधिकारियों और ठेकेदारों की जवाबदेही तय करे तथा उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाए। भविष्य में सड़क निर्माण कार्यों की गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों की सख्त निगरानी सुनिश्चित की जाए, ताकि जनता की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा सके और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
नीरज तिवारी ने कहा कि प्रशासन को यह स्पष्ट करना चाहिए कि विकास कार्य जनता की सुविधा और सुरक्षा के लिए होते हैं, न कि उनकी जान जोखिम में डालने के लिए। ठेकेदार द्वारा सड़क पर जगह-जगह आधे-अधूरे कार्य शुरू कर छोड़ दिए गए हैं। पस्ता से ककना तक सड़क की स्थिति अत्यंत दयनीय बनी हुई है। ठेकेदार न तो सड़क निर्माण का कार्य कर रहा है और न ही सड़क पर बने बड़े-बड़े गड्ढों को ठीक किया जा रहा है।उन्होंने बताया कि जहां कहीं गड्ढे भरे भी गए हैं, वहां केवल मिट्टी डाल दी गई है, जिससे छोटे-बड़े और भारी वाहनों की आवाजाही के दौरान धूल उड़ने लगती है। इससे कुछ समय के लिए अंधेरे जैसी स्थिति बन जाती है और दुर्घटनाओं का खतरा और बढ़ जाता है।
नीरज तिवारी ने कहा कि सड़क पर प्रशासनिक निगरानी की भारी कमी के कारण ठेकेदार मनमाने ढंग से कार्य कर रहे हैं। वर्तमान कार्य-गति को देखते हुए यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि सड़क निर्माण में अभी एक से दो वर्ष का समय लग सकता है। राष्ट्रीय राजमार्ग के अधिकारी मानो इस सड़क को भूल चुके हैं। कोई भी अधिकारी या कर्मचारी सड़क की बदहाल स्थिति सुधारने की दिशा में कोई ठोस पहल नहीं कर रहा है।उन्होंने बताया कि प्रशासन को कई बार ज्ञापन सौंपकर शीघ्र सड़क निर्माण और तत्काल सुधार की मांग की गई, लेकिन जिला प्रशासन की ओर से केवल आश्वासन ही दिए गए। यह रवैया आम जनता के प्रति प्रशासनिक असंवेदनशीलता को स्पष्ट रूप से दर्शाता है।






















