

Akhilesh Yadav On Aravali : मुद्दे पर सियासत तेज हो गई है। उच्चतम न्यायालय के निर्देश के बाद पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की समिति ने अरावली पर्वत श्रृंखला को लेकर नई परिभाषा सुझाई है। समिति के अनुसार, जिन पहाड़ियों की ऊंचाई 100 मीटर या उससे अधिक है, उन्हें अरावली पर्वत माना जाए। इस परिभाषा के सामने आने के बाद देशभर में बहस छिड़ गई है। जहां एक वर्ग इसे व्यावहारिक बता रहा है, वहीं दूसरा वर्ग इसके विरोध में उतर आया है।
इसी बीच समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने अरावली को बचाने की जोरदार अपील की है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “बची रहे जो अरावली, तो दिल्ली रहे हरी-भरी।” अखिलेश ने साफ कहा कि अरावली को बचाना कोई विकल्प नहीं, बल्कि एक सामूहिक संकल्प होना चाहिए। उनके अनुसार, अरावली पर्वतमाला दिल्ली और एनसीआर के लिए प्राकृतिक सुरक्षा कवच की तरह है।
Akhilesh Yadav On Aravali बयान में उन्होंने कहा कि अरावली न सिर्फ वायु प्रदूषण को कम करती है, बल्कि बारिश, जल संरक्षण और तापमान नियंत्रण में भी अहम भूमिका निभाती है। उन्होंने इसे दिल्ली-एनसीआर की जैव विविधता, वेटलैंड्स और पक्षियों के संरक्षण के लिए जरूरी बताया। साथ ही, उन्होंने अरावली को क्षेत्र की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर का हिस्सा भी करार दिया।
अखिलेश यादव ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर अरावली का संरक्षण नहीं हुआ तो दिल्ली स्मॉग, प्रदूषण और स्वास्थ्य संकट से कभी बाहर नहीं निकल पाएगी। इसका सीधा असर बुजुर्गों, बच्चों, बीमारों और यहां की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि ऐसे हालात में दिल्ली अपनी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पहचान भी खो सकती है।
अंत में उन्होंने सभी नागरिकों, व्यापारियों, छात्रों और परिवारों से ‘अरावली बचाओ’ अभियान से जुड़ने की अपील की, ताकि आने वाली पीढ़ियों के लिए दिल्ली-एनसीआर को सुरक्षित और रहने लायक बनाया जा सके।






















