

नारायणपुर: अबूझमाड़ को शांत, सुरक्षित और नक्सलमुक्त बनाने की दिशा में नारायणपुर पुलिस ने एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। माड़ बचाव अभियान के तहत थाना कोहकामेटा क्षेत्र अंतर्गत घोर नक्सल प्रभावित ग्राम कोड़नार में नवीन सुरक्षा एवं जन सुविधा कैम्प की स्थापना की गई है। यह कैम्प नक्सलियों की अघोषित राजधानी माने जाने वाले कुतुल क्षेत्र के भीतर खोला गया है।
वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में संचालित नक्सल विरोधी अभियान के तहत नारायणपुर पुलिस, डीआरजी एवं आईटीबीपी की 53वीं, 41वीं, 29वीं और 45वीं वाहिनी की संयुक्त टीम ने 20 दिसंबर 2025 को इस कैम्प की स्थापना की। इसका उद्देश्य नक्सल गतिविधियों पर प्रभावी नियंत्रण, सड़क निर्माण कार्यों को सुरक्षा उपलब्ध कराना और विकास योजनाओं को अंदरूनी गांवों तक पहुंचाना है।
नवीन कैम्प थाना कोहकामेटा से 22 किलोमीटर, कच्चापाल से 13 किलोमीटर, कुतुल से 6 किलोमीटर तथा जिला मुख्यालय नारायणपुर से लगभग 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। कैम्प खुलने से आसपास के गांव वरकुर, टेहनार, धुरबेडा, बसुटपारा, परपा, कोडतामरका और कोड़नार में सुरक्षा का माहौल बना है और ग्रामीणों में उत्साह देखने को मिल रहा है।
इस कैम्प के माध्यम से क्षेत्र में सड़क, पुल-पुलिया, शिक्षा, स्वास्थ्य, मोबाइल नेटवर्क कनेक्टिविटी सहित अन्य मूलभूत सुविधाओं का तेजी से विस्तार होगा। सुरक्षा बलों की निगरानी में विकास कार्यों को गति मिलने से अबूझमाड़ क्षेत्र के समग्र विकास की उम्मीदें और मजबूत हुई हैं।
नारायणपुर पुलिस ने वर्ष 2025 में अब तक कुतुल सहित कोडलियर, बेडमाकोटी, पदमकोट, कान्दुलपार, नेलांगूर, पांगूड, रायनार, एडजुम, ईदवाया, आदेर, कुड़मेल, कोंगे, सितरम, तोके, जाटलूर, धोबे, डोडीमरका, पदमेटा, लंका, परियादी और कोड़नार जैसे नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में कैम्प स्थापित कर नक्सलियों की कमर तोड़ने की दिशा में बड़ी कार्रवाई की है।
इस अभियान में पुलिस महानिरीक्षक बस्तर रेंज पी. सुन्दरराज, पुलिस उप महानिरीक्षक कांकेर रेंज अमित कांबले, आईटीबीपी के वरिष्ठ अधिकारियों सहित पुलिस अधीक्षक नारायणपुर रोबिनसन गुरिया के नेतृत्व में डीआरजी, बस्तर फाइटर और आईटीबीपी की विभिन्न वाहिनियों की अहम भूमिका रही।






















