नई दिल्ली: भारत में हर दिन करोड़ों लोग ट्रेन से सफर करते हैं। किसी के हाथ में छोटा बैग होता है तो कोई पूरे घर का सामान लेकर यात्रा पर निकल पड़ता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ट्रेन में भी सामान ले जाने की एक तय सीमा होती है? अगर आपने इस सीमा से ज्यादा लगेज ले लिया, तो आपकी यात्रा महंगी पड़ सकती है। हाल ही में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद में रेलवे के लगेज नियमों को लेकर स्थिति साफ की है, जिससे यात्रियों को सतर्क रहने की जरूरत है।

रेल मंत्री ने बताया कि रेलवे में यात्रियों के कोच के हिसाब से सामान ले जाने की अधिकतम और निशुल्क सीमा पहले से तय है। यह नियम यात्रियों की सुरक्षा, सुविधा और कोच में अव्यवस्था रोकने के लिए बनाए गए हैं। यानी ट्रेन में भी अब जितना मन उतना सामान का फॉर्मूला नहीं चलेगा।

कितना सामान ले जा सकते हैं?
रेलवे के नियमों के मुताबिक, एसी थ्री टियर और चेयर कार में सफर करने वाले यात्री अधिकतम 40 किलोग्राम तक सामान बिना किसी शुल्क के ले जा सकते हैं। यह इन श्रेणियों के लिए फ्री लिमिट भी है। वहीं फर्स्ट क्लास और एसी टू टियर यात्रियों को 50 किलोग्राम तक सामान निशुल्क ले जाने की अनुमति है, जबकि शुल्क देकर अधिकतम 100 किलोग्राम तक सामान ले जाया जा सकता है। वहीं, अगर आप एसी फर्स्ट क्लास में यात्रा कर रहे हैं तो आपको सबसे ज्यादा राहत मिलती है। ऐसे यात्री 70 किलोग्राम तक सामान फ्री ले जा सकते हैं और जरूरत पड़ने पर शुल्क देकर 150 किलोग्राम तक लगेज ले जाने की अनुमति होती है। तय सीमा से ज्यादा सामान लेकर कोच में चढ़ने पर रेलवे जुर्माना वसूल सकता है।

सामान के साइज पर भी नियम
सिर्फ वजन ही नहीं, सामान के आकार को लेकर भी नियम सख्त हैं। रेलवे के अनुसार, ट्रंक, सूटकेस या बक्से का बाहरी माप 100 सेमी लंबाई, 60 सेमी चौड़ाई और 25 सेमी ऊंचाई से ज्यादा नहीं होना चाहिए। इससे बड़े आकार का सामान यात्री डिब्बे में ले जाने की अनुमति नहीं है। ऐसे सामान को ब्रेकवैन (SLR) या पार्सल वैन में बुक कराना जरूरी होगा। रेल मंत्री ने यह भी साफ किया कि निजी यात्रा के नाम पर वाणिज्यिक सामान को कोच में ले जाने की इजाजत नहीं है। ऐसा करने पर कार्रवाई हो सकती है।

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