CG News: जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी प्रमुख अमित बघेल के खिलाफ कथित हेट स्पीच के आरोपों को लेकर दायर याचिका पर छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने याचिका को खारिज करते हुए साफ कहा कि आपराधिक जांच में न्यायालय हस्तक्षेप नहीं कर सकता और न ही किसी आरोपी की गिरफ्तारी का निर्देश दिया जा सकता. याचिका में अमित बघेल की तत्काल गिरफ्तारी, पुलिस जांच की निगरानी और समयबद्ध कार्रवाई की मांग की गई थी.

याचिका पर हाई कोर्ट ने सुनाया फैसला

चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की डिवीजन बेंच ने स्पष्ट कहा कि किसी जांच की निगरानी करना, जांच का तारीख तय करना या वरिष्ठ अधिकारी की देखरेख के आदेश देना न्यायालय द्वारा “क्रिमिनल इन्वेस्टिगेशन का माइक्रो मैनेजमेंट” होगा, जो अदालत के अधिकार क्षेत्र से बाहर है. यह याचिका रायपुर के अवंती विहार निवासी अमित अग्रवाल नामक व्यक्ति द्वारा हाई कोर्ट में लगाई गई थी.

छत्तीसगढ़ महतारी की मूर्ति टूटने से शुरू हुआ था विवाद

कुछ दिनों पहले छत्तीसगढ़ महतारी की मूर्ति टूटने की घटना के बाद 20 अक्टूबर को छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना (जोहार) के प्रमुख अमित बघेल ने एक बयान दिया था. इस दौरान अमित बघेल ने सिंधी हिंदू समाज के आराध्य देवता भगवान झूलेलाल के प्रति अत्यंत असंवेदनशील और अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया था. इसके साथ ही उन्होंने अग्रवाल समाज के संस्थापक महाराजा अग्रसेन, स्वर्गीय डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी और पंडित दीनदयाल उपाध्याय जैसे देश के महान राष्ट्रनायकों के प्रति भी अनुचित टिप्पणी की थी.

अमित बघेल की इस टिप्पणी के बाद अग्रवाल समाज और सिंधी समाज ने पूरे छत्तीसगढ़ सहित देशभर में जोरदार विरोध प्रदर्शन किए. रायपुर के अलावा दुर्ग, रायगढ़ समेत कई जिलों और अन्य राज्यों के थानों में भी अमित बघेल के खिलाफ FIR दर्ज हुईं. शिकायतें बढ़ने के बाद अमित बघेल ने एक वीडियो जारी कर कहा था कि उन्हें गिरफ्तारी का कोई डर नहीं है.

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