Jal Jeevan Mission: मध्य प्रदेश में घर-घर नल से जल पहुंचाने को लेकर चल रहे जल जीवन मिशन को अब डिजिटल निगरानी से जोड़ा गया है. राज्य सरकार ने इसके लिए ‘जल दर्पण’ नाम का पोर्टल शुरू किया है, जिसके माध्यम से हर गांव की नल-जल योजना की वास्तविक स्थिति रोजाना ऑनलाइन दर्ज होगी. लंबे समय से ग्रामीण इलाकों में यह शिकायत सामने आ रही थी कि योजनाएं बनने के बाद भी कई जगहों पर जलापूर्ति नियमित नहीं हो रही है, जबकि कई सवाल विधानसभा में भी उठे हैं.

फील्‍ड स्‍टाफ से ली जाएगी जानकारी
शिकायतों को ध्‍यान में रखते हुए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने फील्ड स्टाफ से रोजाना यह जानकारी लेने का निर्णय किया है कि योजना चालू है या बंद, पानी की सप्लाई सुचारू है या नहीं, और पाइपलाइन में कोई तकनीकी खराबी तो नहीं. इस डेटा पर वरिष्ठ अधिकारी सीधे नजर रखेंगे ताकि झूठी जानकारी देने की गुंजाइश न रहे.

प्रदेश में जल जीवन मिशन के तहत नल-जल योजना स्‍वीकृत
प्रदेश में अब तक जल जीवन मिशन के तहत 27,990 एकल नल-जल योजनाएं स्वीकृत की गई हैं, जिनमें से 15,947 पूरी हो चुकी हैं और 12,043 पर काम जारी है. आकलन में हुई त्रुटियों के चलते 8,358 परियोजनाओं की लागत में 2,813 करोड़ रुपये की अतिरिक्त वृद्धि सामने आई, जिसे केंद्र द्वारा वहन करने से इनकार कर दिया गया. अब यह भार राज्य सरकार ने उठाया है और दोषी इंजीनियरों को नोटिस जारी किए गए हैं.

जल दर्पण पोर्टल से रखी जाएगी योजना पर नजर
सरकार का जोर इस बात पर है कि पंचायतों को सौंपी गई योजनाएं ठीक से संचालित हों और लोगों तक नियमित जलापूर्ति पहुंचे. जल दर्पण पोर्टल के जरिए 28 हजार गांवों से प्रतिदिन फीडबैक लिया जाएगा. यदि किसी जगह सप्लाई बंद पाई जाती है तो कारण दर्ज करना अनिवार्य होगा. जैसे बिजली कटना, पाइपलाइन क्षतिग्रस्त होना या अन्य तकनीकी वजहें. इन सूचनाओं के आधार पर सुधारात्मक कार्रवाई भी योजना के अंतर्गत होगी.

विभाग के प्रमुख सचिव पी. नरहरि ने कहा कि सरकार का लक्ष्य हर घर तक नल का जल पहुंचाना है. कई बार शिकायतें मिलने के बाद अब संचालन, रखरखाव और निगरानी को मजबूत बनाया गया है. नए पोर्टल से दैनिक स्थिति स्पष्ट होगी और जहां भी समस्या मिलेगी, वहां तुरंत समाधान की दिशा में कदम उठाए जाएंगे.

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