बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की करारी हार के बाद Lalu Yadav Family Controversy ने राजनीतिक माहौल गर्म कर दिया है। आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने अपने मीडिया बयान में आरोप लगाया कि उन्हें परिवार से बाहर करने में तेजस्वी यादव के साथ संजय यादव और रमीज की बड़ी भूमिका है। रोहिणी ने कहा कि पार्टी की बदहाली पर सवाल पूछने पर उन्हें अपमानित किया गया, यहां तक कि चप्पल उठाकर मारने की धमकी दी गई।

कौन है रमीज, जिसे रोहिणी ने कहा ‘चाणक्य’?

रोहिणी आचार्य के आरोपों के बाद सबसे ज्यादा चर्चा रमीज नेमत की भूमिका को लेकर है। रमीज उत्तर प्रदेश के बलरामपुर के रहने वाले हैं और उनके ससुर रिजवान जहीर सपा के पूर्व सांसद हैं। रमीज पर गंभीर मामलों में कुल 12 केस दर्ज हैं, जिनमें नगर पंचायत तुलसीपुर के चेयरमैन फिरोज पप्पू की हत्या भी शामिल है। वह वर्तमान में जमानत पर बाहर है। इसके बावजूद वह लालू परिवार में प्रभावी ‘रणनीतिकार’ की भूमिका निभा रहा है, जिसे रोहिणी ने ‘चाणक्य’ कहा।

रमीज क्यों है तेजस्वी का भरोसेमंद?

जानकारी के अनुसार, रमीज पिछले दो वर्षों से तेजस्वी यादव के ‘वार रूम’ की जिम्मेदारी संभाल रहा है। दोनों की दोस्ती एक क्रिकेट क्लब से शुरू हुई थी। धीरे-धीरे रमीज तेजस्वी की कोर टीम का अहम हिस्सा बन गया और चुनाव रणनीति, सोशल मीडिया प्रबंधन तथा राजनीतिक संदेशों को संचालित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने लगा।

कौन हैं संजय यादव और क्यों घिर रहे हैं?

संजय यादव हरियाणा के रहने वाले हैं और पहले दिल्ली की एक टेक कंपनी में काम करते थे। तेजस्वी से 2012 में मुलाकात के बाद वे उनकी सबसे करीबी टीम में शामिल हो गए। संजय RJD की प्रमुख रणनीतियों—‘जंगल राज’ नैरेटिव का जवाब, मुस्लिम–यादव आधार से आगे बढ़ने की कोशिश, 10 लाख नौकरियों का वादा—के पीछे माने जाते हैं। उन पर तेज प्रताप यादव और अब रोहिणी दोनों सवाल उठा चुके हैं।

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