भोपाल (Bhopal): मध्य प्रदेश सरकार ने फेस आधारित उपस्थिति प्रणाली (Face Attendance System) लागू करने के बाद बड़ा कदम उठाया है। इस नई तकनीक के तहत 5000 से अधिक नगर निकाय कर्मचारियों को गैरहाजिर पाए जाने पर नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है। सरकार ने यह कार्रवाई नगरीय विकास एवं आवास विभाग के माध्यम से की है।

पारदर्शिता और दक्षता बढ़ाने के लिए लागू हुई प्रणाली
सरकार ने कर्मचारियों की हाजिरी, समयपालन और कार्यकुशलता पर निगरानी रखने के लिए आधार सक्षम बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली (AEBAS) लागू की थी। इसका उद्देश्य था—फर्जी वेतन भुगतान, डीजल चोरी और अनियमित उपस्थिति जैसी गड़बड़ियों पर रोक लगाना।

कर्मचारियों ने किया विरोध, विभाग ने दिखाई सख्ती
हालांकि, कई जगहों पर कर्मचारियों ने इस प्रणाली का विरोध किया। इसके बावजूद विभाग ने सख्त रुख अपनाते हुए उन सभी कर्मचारियों को हटाने का फैसला किया, जो फर्जी उपस्थिति या गैरहाजिरी में पकड़े गए। विभागीय आयुक्त संकेत भोंडवे ने बताया कि इस प्रणाली से न केवल पारदर्शिता आई है, बल्कि डीजल चोरी और फर्जी वेतन भुगतान पर भी रोक लगी है।

मोबाइल नहीं होने पर भी समाधान
वहीं, जिन कर्मचारियों के पास मोबाइल फोन नहीं है, उनके लिए विभाग ने सुपरवाइज़र्स को टैबलेट्स उपलब्ध कराए हैं ताकि वे वहीं से अपनी उपस्थिति दर्ज कर सकें।

वित्तीय बचत और अनुशासन में सुधार
आयुक्त के मुताबिक, इस व्यवस्था के बाद शहरी विकास विभाग के वेतन, ऊर्जा और डीजल व्यय में उल्लेखनीय बचत दर्ज की गई है। अब विभाग पूरी तरह डिजिटल मॉनिटरिंग के जरिए कर्मचारियों की गतिविधियों पर नजर रख रहा है।

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