छत्तीसगढ़ में शुक्रवार को नक्सल मोर्चे पर इतिहास रच दिया गया है। राज्य में अब तक का सबसे बड़ा नक्सल सरेंडर हुआ है, जिसमें dreaded नक्सली कमांडर रूपेश के नेतृत्व में 208 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। इन नक्सलियों ने हिंसा की राह छोड़कर मुख्यधारा में लौटने का संकल्प लिया है। इस मेगा सरेंडर ने छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई को नई दिशा दे दी है।

यह ऐतिहासिक कार्यक्रम जगदलपुर के पुलिस लाइन परिसर में आयोजित हुआ, जहां सुरक्षा बलों की निगरानी में नक्सलियों को 5 बसों में लाया गया। इनमें महिला नक्सलियों की संख्या सबसे अधिक रही। कुल 208 नक्सलियों में से 110 महिलाएं और 98 पुरुष शामिल हैं।

सरेंडर करने वालों में एक सीसी सदस्य, चार DKSZC कैडर, एक रीजनल कमेटी मेंबर, 21 DVCM, 61 ACM लेवल कैडर, 98 पार्टी मेंबर्स और 22 PLGA तथा RPC मेंबर शामिल हैं। इनमें से अधिकतर बस्तर, सुकमा, बीजापुर और नारायणपुर जैसे नक्सल प्रभावित जिलों से आए हैं।

नक्सली कमांडर रूपेश, जो लंबे समय से सुरक्षा एजेंसियों की हिट लिस्ट में था, ने हिंसा का रास्ता छोड़कर समाज की मुख्यधारा में जुड़ने का फैसला किया है। यह कदम न सिर्फ छत्तीसगढ़ नक्सल सरेंडर नीति की सफलता को दर्शाता है, बल्कि आने वाले समय में बस्तर क्षेत्र में शांति और विकास की नई उम्मीद भी जगाता है।

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