बिलासपुर। छत्तीसगढ़ की राजनीति में महत्वपूर्ण मोड़ लाने वाले एक मामले में बिलासपुर हाईकोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ दायर चुनाव याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। यह याचिका 2023 के विधानसभा चुनाव के दौरान पाटन विधानसभा क्षेत्र में आचार संहिता उल्लंघन से जुड़ी है और इसे भाजपा नेता विजय बघेल ने दाखिल किया था। याचिका में यह मांग की गई थी कि भूपेश बघेल का निर्वाचन शून्य घोषित किया जाए।

याचिकाकर्ता का आरोप है कि 16 नवंबर 2023 को चुनाव प्रचार की समाप्ति के बाद भूपेश बघेल ने पाटन क्षेत्र में रैली और रोड शो का आयोजन किया। इसके दौरान न केवल कांग्रेस कार्यकर्ता बल्कि सरकारी अधिकारी और पुलिसकर्मी भी मौजूद थे। विजय बघेल ने फोटो और वीडियो साक्ष्य अदालत में पेश किए, जिनमें दिखाया गया कि भूपेश बघेल मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए चुनावी प्रचार कर रहे थे।

इसके जवाब में भूपेश बघेल की ओर से 16 बिंदुओं में कहा गया कि यह कार्यक्रम सामाजिक या गैर-राजनीतिक था और चुनाव प्रचार से इसका कोई संबंध नहीं था। उन्होंने तर्क दिया कि वीडियो और फोटो को गलत संदर्भ में पेश किया गया और चुनाव प्रचार की समय सीमा का पालन किया गया था।

सुनवाई मंगलवार को हाईकोर्ट की एकल पीठ में हुई, जिसमें दोनों पक्षों की दलीलें विस्तार से सुनी गईं। अदालत ने मामले पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। यह फैसला आने वाले दिनों में राज्य की राजनीति पर गहरा असर डाल सकता है।

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