रायपुरः छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ईडी, एसीबी और इओडब्ल्यू पर अदालत के साथ सांठगांठ कर न्यायिक प्रक्रिया पर चोट पहुंचाने का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट से पूरे मामले पर संज्ञान लेने का आग्रह किया है। रायपुर में एक प्रेस कांफ्रेस को संबोधित करते हुए भूपेश बघेल ने कहा कि जांच एसेंजियां कलमबंद बयान को पहले से ही बनाकर लाती है और आरोपी से दस्तखत कराकर पेश करती है। कलमबंद बयान को जांच एजेंसियों पर मजाक बनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि कोयला घोटाले के आरोपी निखिल चन्द्राकर के बयान को जांच एजेंसी ने पहले से तैयार कर लाया और कोर्ट में पेन ड्राईब में पेश किया। यह न्यायिक प्रक्रिया की धज्जियां उड़ाने जैसा है।
भूपेश बघेल ने कहा कि पूरे मामले की सिकायत वकीलों द्वारा कोर्ट में की गई है और कोर्ट ने इडी को पूरे मामले पर अपना पक्ष रखने के लिए कहा है। भूपेश बघेल ने कहा कि कलमबंद बयान गोपनीय होता है और उसका लिफाफा जज के सामने खोला जाता है जबकि जांच एजेंसियां बयान को पहले से तैयार कर मीडिया में जारी कर देती है। भूपेश बघेल ने कहा कि निखिल चन्द्राकर के बयान के फांट में भी अंतर है, जिसे फोरेंसिंक जांच में भी सिद्ध पाया गया है।
भूपेश बघेल ने जांच एजेंसियों के ऐसे अधिकारियों को तत्काल जांच से हटाकर उनके खिलाफ कठोर कार्यवाई करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के आग्रह किया है।

Leave a reply

Please enter your name here
Please enter your comment!