नई दिल्ली: राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) और अटल पेंशन योजना (APY) ने 9 करोड़ खातों का आंकड़ा पार कर लिया है, वहीं सम्मिलित कुल परिसंपत्तियां 16 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गईं। यह भारत की पेंशन यात्रा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। पेंशन फंड नियामक एवं विकास प्राधिकरण (PFRDA) ने एनपीएस को मजबूत करने और पेंशन कवरेज बढ़ाने के लिए कई महत्वपूर्ण पहलें शुरू की हैं। इनमें सबसे अहम ‘मल्टीपल स्कीम फ्रेमवर्क’ है, जो 1 अक्टूबर 2025 से प्रभावी हुआ है। इस नए ढांचे के तहत निवेशकों को अधिक निवेश विकल्प और लचीलापन प्रदान किया गया है।

इसके अलावा, पीएफआरडीए ने ‘एनपीएस प्लेटफॉर्म वर्कर्स मॉडल’ भी शुरू किया है, जो गिग वर्कर्स (ऑनलाइन या अस्थायी काम करने वाले कर्मियों) को सामाजिक सुरक्षा दायरे में लाने का प्रयास है। साथ ही, ‘एनपीएस ओवरहॉल’ पर एक परामर्श पत्र भी जारी किया गया है, जिसमें ग्रेडेड पेआउट और फ्लेक्सिबल एन्युटी विकल्प जैसी व्यवस्थाओं का प्रस्ताव रखा गया है, ताकि सेवानिवृत्ति के बाद आय की पर्याप्तता सुनिश्चित की जा सके।

पीएफआरडीए ने यह भी घोषणा की है कि एक विशेष जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है, जिसका उद्देश्य किसानों, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (MSME) कर्मचारियों, स्वयं सहायता समूह (SHG) के सदस्यों और अन्य असंगठित क्षेत्र के कामगारों तक एनपीएस और एपीवाई की पहुंच बढ़ाना है। यह पहल पीएफआरडीए के समावेशन, लचीलापन और दीर्घकालिक वित्तीय सुरक्षा पर निरंतर फोकस को दर्शाती है।

इस उपलब्धि पर पीएफआरडीए ने कहा कि वह सभी भारतीयों के लिए वृद्धावस्था में आय सुरक्षा सुनिश्चित करने के अपने दृष्टिकोण पर दृढ़ता से प्रतिबद्ध है। एनपीएस और एपीवाई की यह तेज़ प्रगति देश में वित्तीय समावेशन और सामाजिक सुरक्षा को नई दिशा दे रही है।

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