सूरजपुर:  कलेक्टर एस.जयवर्धन की अध्यक्षता में आज जिला खनिज संस्थान न्यास (डीएमएफ) शासी परिषद की बैठक जिला सयुंक्त कार्यालय के सभाकक्ष में आयोजित की गई थी। बैठक में महिला एवं बाल विकास मंत्री  लक्ष्मी राजवाड़े, सांसद  चिंतामणि महाराज, जिला पंचायत अध्यक्ष  चंद्रमणी देवपाल सिंह पैकरा, नगर पालिका परिषद अध्यक्ष  कुसुमलता रजवाड़े अन्य जनप्रतिनिधि,डीएफओ पंकज कमल, जिला पंचायत सीईओ विजेंद्र सिंह पाटले, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक  संतोष महतो, डिप्टी कलेक्टर अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

डीएमएफ शासी परिषद की बैठक में एजेंडा वार विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा की गई। जिसमें वित्तीय वर्ष 2025-26 में सेक्टर-वार कार्ययोजना के अनुमोदन, जिला खनिज संस्थान न्यास अंतर्गत नियुक्त जनप्रतिनिधि/खनिज रियायत धारी/ग्राम सभा से नामांकित सदस्यों के अनुमोदन, स्वीकृत पदो के विरूद्ध कार्यरत/रिक्त पदों पर भर्ती हेतु अनुमोदन, जिले अंतर्गत प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष खनन प्रभावित क्षेत्रो की विकास खण्ड/नगर पंचायतवार ग्रामों के अनुमोदन, जिला खनिज संस्थान न्यास अंतर्गत स्वीकृत अनुमोदन, वर्ष 2024-25 में निरस्त कार्यों का अनुमोदन,वित्तीय वर्ष 2023-24 की ऑडिट रिपोर्ट का अनुमोदन, वित्तीय वर्ष 2023-24 की वार्षिक रिपोर्ट का अनुमोदन, वर्षवार स्वीकृत कार्यों के प्रगति की समीक्षा व जिला खनिज संस्थान न्यास अंतर्गत प्राप्त आबंटन एवं शेष राशि की वित्तीय वर्षवार जानकारी पर क्रमवार चर्चा हुई।

इस अवसर पर बैठक में सांसद चिंतामणी महाराज व उपस्थित विधायकों के साथ-साथ अन्य जिला खनिज संस्थान न्यास के सदस्यों ने भी आवश्यक सुझाव दिए। जिस पर कलेक्टर ने कहा कि बैठक में उपस्थित जनप्रतिनिधियों के सुझाव को अमल में लाते हुए जिला खनिज संस्थान न्यास की राशि का उपयोग नियमानुसार जिले के विकास के लिए किया जायेगा।
   

बैठक में जिला खनिज संस्थान न्यास के सदस्यों ने राशि का उपयोग सशक्त पेयजल व्यवस्था, स्वच्छता, कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य के क्षेत्र में अधिक से अधिक उपयोग करने पर जोर दिया गया। बैठक में खनिज न्यास की नोडल अधिकारी द्वारा विस्तार से एजेंडा के महत्वपूर्ण बिंदुओं पर प्रकाश डाला गया। जिसमें जिला खनिज न्यास संस्थान के नियमों की प्रस्तुतिकरण के साथ साथ उच्च प्राथमिकता और अन्य प्राथमिकता के अंतर्गत क्षेत्रवार आवंटित बजट के संबंध में जानकारी उपलब्ध कराई गयी।जिला खजिन संस्थान न्यास के पास उपलब्ध निधि उच्च प्राथमिकता क्षेत्रों में उपयोजित करने का प्रावधान हैं। इसके अंतर्गत उच्च प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के तहत पेयजल आपूर्ति, पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण के उपाय, स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा, कृषि एवं अन्य संबद्ध गतिविधियां, महिला एवं बाल कल्याण, वृद्ध एवं निशक्तजन के कल्याण, कौशल एवं विकास एवं रोजगार, स्वच्छता,कृषि,पशुपालन इत्यादि कार्यों के लिए इस राशि का उपयोग किया जायेगा। इसी तरह अन्य प्राथमिकता वाले क्षेत्र अतंर्गत भौतिक अधोसंरचना, सिंचाई, ऊर्जा एवं जल विभाजक विकास जैसी गतिविधियों को बढ़ावा देने का कार्य किया जायेगा।

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