मंडला : जिला परियोजना समन्वयक (डीपीसी) अरविंद विश्वकर्मा को रिश्वत लेते हुए आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) की टीम ने रंगे हाथों पकड़ा है। पत्नी के हाथों रुपये का लिफाफा रिलायंस पेट्रोल पंप पर लेते ही दोनों को मौके पर ही ईओडब्ल्यू ने पकड़ कार्रवाई शुरू कर दी। इस मामले में एपीसी को भी सह आरोपित बनाया गया है।

डीपीसी ने मांगी थी एक लाख 20 हजार की मदद

बताया गया है कि डीपीसी ने विद्या निकेतन ग्राम ककैया स्कूल को मान्यता देने के नाम पर एक लाख 20 हजार रुपये की रिश्वत की मांग की थी। जिसके एवज में दूसरी क़िस्त की राशि 60 हजार रुपये स्कूल संचालक द्वारा देते ही ईओडब्ल्यू टीम ने पकड़ लिया। जानकारी अनुसार स्कूल का भवन पूरा नहीं होने से मान्यता समाप्त हो गई थी।

दोबारा मांगी गई थी रिश्वत

पूर्णता प्रमाण पत्र जारी करने के लिए स्कूल संचालक रविकांत नंदा से एक लाख 20 हजार रुपये की रिश्वत की मांग की जा रही थी। पहली किश्त 50 हजार रुपये डीपीसी को स्कूल संचालक कुछ दिन पहले दे चुका था। 60 हजार रुपये की मांग पुनः की गई थी।

इस पर स्कूल संचालक रविकांत नंदा यह राशि देने बिंझिया स्थित रिलायंस पेट्रोल पंप पहुंचा। जहां राशि का लिफाफा डीपीसी को देने पर उन्होंने पत्नी को देने कहा। लिफाफा पत्नी के हाथों में आते ही ईओडब्ल्यू ने रंगे हाथों पकड़ लिया। ईओडब्ल्यू डीएसपी स्वर्ण जीत सिंह धामी व टीम के द्वारा पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में कार्रवाई की जा रही है।

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