रायपुर। राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) स्थापना दिवस के राज्य स्तरीय समारोह में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि व्यक्तिगत स्वार्थ से ऊपर उठकर किया गया हर कार्य सेवा और राष्ट्र निर्माण का कार्य है। रायपुर स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में आयोजित इस कार्यक्रम में सीएम ने स्वयंसेवकों की भूमिका को सराहा और उन्हें राष्ट्रनिर्माण का सच्चा सहभागी बताया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देशभर में 4 लाख से अधिक विद्यार्थी एनएसएस से जुड़े हैं, जिनमें से एक लाख से ज्यादा स्वयंसेवक छत्तीसगढ़ से हैं। यह प्रदेश के लिए गर्व की बात है। उन्होंने बताया कि स्वतंत्रता संग्राम के समय राष्ट्रसेवा का अर्थ आजादी की लड़ाई में सहयोग करना था, लेकिन आज इसका मतलब सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक विकास में योगदान देना है। एनएसएस स्वयंसेवक इस दिशा में अमूल्य कार्य कर रहे हैं।

साय ने उदाहरण देते हुए कहा कि पेड़ लगाना, जरूरतमंद की मदद करना या किसी को पढ़ाई में सहयोग करना—ये सभी राष्ट्रसेवा के ही रूप हैं। उन्होंने स्वयंसेवकों से अपील की कि वे शिक्षा के प्रसार में योगदान दें ताकि कोई भी बच्चा पढ़ाई से वंचित न रहे। साथ ही उन्होंने बताया कि सरकार युवाओं को रोजगार देने के लिए प्रतिबद्ध है। नई औद्योगिक नीति के तहत 7.5 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले हैं, जिससे बड़े पैमाने पर रोजगार सृजित होंगे।

उच्च शिक्षा मंत्री टंकराम वर्मा ने कहा कि सेवा केवल मदद नहीं, बल्कि चरित्र और जिम्मेदारी का निर्माण करती है। उन्होंने एनएसएस स्वयंसेवकों की स्वच्छ भारत अभियान, आपदा प्रबंधन, पर्यावरण और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में योगदान की प्रशंसा की।

कार्यक्रम में सीएम ने ‘समर्पण’ पत्रिका और विकसित भारत क्विज पोस्टर का विमोचन किया तथा उत्कृष्ट कार्य करने वाले संस्थानों, अधिकारियों और स्वयंसेवकों को सम्मानित किया।

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