हैदराबाद: तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद के सिकंदराबाद इलाके से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां पुलिस की ईगल टीम ने बोयनपल्ली के एक स्कूल में बड़े पैमाने पर ड्रग्स बनाने की गुप्त सूचना मिलने पर छापा मारा। पुलिस ने इस कार्रवाई में चौंकाने वाले खुलासे किए। पुलिस ने खुलासा किया कि बोयनपल्ली स्थित मेधा हाई स्कूल को बंद करके उसके अंदर ड्रग्स बनाने की फैक्ट्री लगाई गई थी। गौड़ नाम का एक शख्स इस धंधे का मास्टरमाइंड है। वह दिन में स्कूल बंद करके ड्रग्स बनाता था और शाम को ट्यूशन क्लासेस चलाता था। इस तरह, बिना किसी को शक हुए यह अवैध धंधा चलता रहा।

स्कूल में बनाया जा रहा था अल्फा जोलम

पुलिस को पता चला है कि स्कूल में खतरनाक ड्रग अल्फा जोलम बनाया जा रहा था। जांच में पता चला है कि इस ड्रग की सप्लाई शहर के ड्रग कम्पनियों के साथ-साथ आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और तमिलनाडु तक की जा रही थी। अधिकारियों ने बताया कि स्कूल की तीन मंजिलों पर एक फैक्ट्री बनाई गई थी और चार रिएक्टरों की मदद से अल्फा जोलम का उत्पादन जारी था। वहां से 20 लाख रुपये की नकदी भी जब्त की गई है। वहीं सूचना मिलने पर, ईगल टीम ने सबसे पहले गौड़ को रंगे हाथों पकड़ा और उसके पास से 5 किलो अल्फा जोलम जब्त किया।

चार कर्मचारी भी गिरफ्तार

बाद में टीम ने स्कूल के अंदर तलाशी ली। वहीं तलाशी अभियान चलाए जाने के बाद स्कूल में से 5 किलो अल्फा जोलम, चार रिएक्टर, विभिन्न रसायन, नकदी और निर्माण उपकरण बरामद किए गए। इसके साथ ही, पुलिस ने अल्फा जोलम बनाने वाले चार कर्मचारियों को भी गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि गौड़ उन्हें स्कूल के अंदर रखता था और ड्रग्स बनाने में उनका इस्तेमाल करता था। फिलहाल मामले के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करने के लिए पुलिस की टीम अपनी जांच जारी रखे हुए है। पुलिस इस बात की भी जानकारी इकट्ठा कर रही है कि ड्रग सप्लाई का नेटवर्क कितना व्यापक है और इसमें कौन-कौन शामिल है?

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