

बलरामपुर। बलरामपुर जिले के शासकीय महाविद्यालय राजपुर में छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस की रजत जयंती के उपलक्ष्य में विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। इसी कड़ी में शुक्रवार, 12 सितंबर को भूतपूर्व छात्र सम्मेलन आयोजित किया गया।यह सम्मेलन पूर्व छात्रों, शिक्षकों और वर्तमान विद्यार्थियों के बीच आपसी संवाद, अनुभव साझा करने तथा महाविद्यालय की प्रगति पर विचार-विमर्श का एक महत्वपूर्ण अवसर साबित हुआ।
कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती माता के छायाचित्र पर दीप प्रज्वलन, सरस्वती वंदना एवं छत्तीसगढ़ राज्यगीत से हुई। इसके पश्चात स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया। मंच संचालन मनोज खलखो ने किया।
इस अवसर पर प्राचार्य डॉ. जीतन राम पैंकरा ने कहा कि महाविद्यालय केवल शिक्षा का केंद्र ही नहीं, बल्कि विद्यार्थियों के व्यक्तित्व विकास का माध्यम भी है। उन्होंने विद्यार्थियों को ज्ञान के साथ-साथ जीवन के अन्य क्षेत्रों में भी तैयार रहने की प्रेरणा दी।उन्होंने 2027 में होने वाले नैक मूल्यांकन में महाविद्यालय को A ग्रेड दिलाने के सामूहिक प्रयास की बात कही।

नई शिक्षा नीति पर वक्तव्य देते हुए नोडल ओमप्रकाश गुप्ता ने नई शिक्षा नीति की विशेषताओं और महत्व के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि यह नीति विद्यार्थियों को कौशल आधारित शिक्षा, शोध व नवाचार की दिशा में प्रोत्साहित करेगी तथा स्थानीय स्तर पर भी नए अवसर प्रदान करेगी।
प्राध्यापक डॉ. अंजना टोप्पो ने भी अपने विचार व्यक्त किए। सम्मेलन में छात्रों ने अपने अनुभव साझा किए और महाविद्यालय को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाने की प्रतिबद्धता दोहराई।”

पूर्व छात्र एवं राजपुर जनपद अध्यक्ष आकाश अग्रवाल ने अपने संबोधन में कहा कि संसाधनों की कमी के बावजूद महाविद्यालय ने समय-समय पर उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं। उन्होंने ड्रेस कोड व्यवस्था और अनुशासन को सराहनीय बताते हुए सभी पूर्व छात्रों से अपील की कि वे महाविद्यालय से जुड़े रहकर इसके निरंतर विकास में योगदान दें।
रजत जयंती समारोह का यह पूर्व छात्र सम्मेलन न केवल स्मृतियों को ताज़ा करने का अवसर रहा, बल्कि महाविद्यालय के भविष्य के लिए प्रेरणा और ऊर्जा देने वाला भी सिद्ध हुआ। समारोह में महाविद्यालय के स्टाफ, विद्यार्थी और भूतपूर्व छात्र छात्राएं उपस्थि रहे।






















